तीन तलाक: इन पांच महिलाओं के केस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Aug, 2017 12:50 PM

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मुसलमानों में प्रचलित एक बार में तीन तलाक की वैधानिकता पर सुप्रीम कोर्ट ने आज को अपना फैसला सुनाते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है। फैसले में तीन जजों ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताया है।

नई दिल्ली: मुसलमानों में प्रचलित एक बार में तीन तलाक की वैधानिकता पर सुप्रीम कोर्ट ने आज को अपना फैसला सुनाते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है। फैसले में तीन जजों ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताया है। ये तीन जज जस्टिस नरीमन, जस्टिस ललित और जस्टिस कुरियन हैं। वहीं, चीफ जस्टिस खेहर और जस्टिस नजीर ने संवैधानिक बताया है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं उन महिलाओं के बारे में जिन्होंने तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाई और कोर्ट में याचिका दायर की। 

सायरा बानो
सायरा बानो उत्तराखण्ड के काशीपुर की रहने वाली है।  सायरा बानो ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर ट्रिपल तलाक और निकाह हलाला के चलन की संवैधानिकता को चुनौती दी थी। साथ ही, उनकी याचिका में मुस्लिमों में प्रचलित बहुविवाह प्रथा को भी गलत बताते हुए उसे खत्म करनी की मांग की गई थी। .

आफरीन रहमान
जयपुर की रहने वाली आफरीन के पति ने स्पीड पोस्ट के जरिए तलाक का पत्र भेजा था। वैवाहिक पोर्टल के जरिए उनकी शादी हुई थी। आफरीन रहमान ने भी तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। आफरीन का आरोप था कि उनके पति समेत ससुराल पक्ष के दूसरे लोगों ने मिलकर दहेज की मांग को लेकर उनके साथ काफी मारपीट की और फिर उन्हें घर से निकाल दिया।

गुलशन परवीन
उत्तर प्रदेश के रामपुर में रहने वाली गुलशन का पति नोएडा में नौकरी करता है। एक दिन गुलशन के पति ने दस रुपये के स्टांप पेपर पर तलाकनामा भेजा था। शादी के तीन साल बाद 2016 उसकेपति ने तलाकनामा भेजा था। गुलशन का दो साल का बेटा है।

आतिया साबरी
उत्तर प्रदेश की सहारनपुर की रहने वाली आतिया के पति ने वर्ष 2016 में एक कागज पर तीन तलाक लिखकर पत्नी से रिश्ता तोड़ लिया था। वर्ष 2012 में दोनों की शादी हुई थी। उनकी दो बेटियां हैं। आतिया का आरोप है कि दो बेटी होने से उसके पति और ससुर नाराज थे। ससुरालवाले आतिया को घर से निकालना चाहते थे। उसे जहर खिलाकर मारने की भी कोशिश की गई थी।


इशरत जहां
चीन तलाक को संवैधानिकता को चुनौती देने वालों में पश्चिम बंगाल के हावड़ा की इशरत जहां भी शामिल थीं। इशरत ने अपनी याचिका में कहा था कि उसके पति ने दुबई से ही उन्हें फोन पर तलाक दे दिया। इशरत ने कोर्ट को बताया था कि उसका निकाह 2001 में हुआ था और उसके बच्चे भी हैं जिन्हें पति ने जबरन अपने पास रख लिया है।  इशरत ने याचिका दायर कर तीन तलाक को असंवैधानिक और मुस्लिम महिलाओं के गौरवपूर्ण जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन बताया है।
 

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