Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Mar, 2018 08:46 PM
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने आधार नंबर के ऑनलाइन इस्तेमाल को लेकर लोगों को आगाह किया है। यूआइडीएआइ का कहना है कि किसी भी तरह की सेवा लेने के लिए आधार नंबर जैसी निजी जानकारियां ऑनलाइन साझा करते समय लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।
नेशनल डेस्कः भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने आधार नंबर के ऑनलाइन इस्तेमाल को लेकर लोगों को आगाह किया है। यूआइडीएआइ का कहना है कि किसी भी तरह की सेवा लेने के लिए आधार नंबर जैसी निजी जानकारियां ऑनलाइन साझा करते समय लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। शनिवार को आधार जारी करने वाली अथॉरिटी ने कहा कि लोगों को कोई भी सेवा लेने से पहले सेवा देने वाली कंपनी या वेंडर को जानकारी देने से पहले सावधानी बरतें। इंटरनेट पर ब्योरा देते वक्त खासकर सावधानी बरतने की जरूरत है।
आधार डेटा पूरी तरह सुरक्षित
प्राधिकरण ने उन बातों का खंडन किया है जिसमें कहा रहा है कि मेरा आधार, मेरी पहचान से गूगल पर खोजने पर आधार का पीडीएफ मिल जा रहा है। उसका कहना है कि ऐसे मामलों में आधार के डाटाबेस की सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं है। यूआइडीएआइ ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि आधार का डेटा पूरी तरह सुरक्षित है। इस तरह की खबरें पूरी तरह बेबुनियाद हैं, गूगल पर जो आधार नजर आ रहे हैं, उनमें से एक भी आधार यूआइडीएआइ के डेटा से नहीं लिया गया।
वहीं यूआइडीएआइ ने साफ किया है कि अन्य सभी पहचान पत्र की तरह आधार भी एक गैर गोपनीय है। केवल किसी के आधार नंबर होने से कोई किसी की जानकारी नहीं चुरा सकता, क्योंकि यहां बायोमैट्रिक मिलान करना जरूरी है।
निजता का उल्लंघन होने पर दायर कर सकता है मुकदमा
प्राधिकरण ने बताया कि मोबाइल नंबर, बैंक एकाउंट नंबर, पैन कार्ड, पासपोर्ट और परिवार का हम ध्यान रखते हैं, वैसे ही आधार का बयौरा देते समय हमें सावधानी बरतनी चाहिए। यदि कोई गैरकानूनी तरीके से किसी का आधार नंबर, मोबाइल नंबर, बैंक एकाउंट नंबर या किसी भी प्रकार की तस्वीर प्रकाशित करता है तो उस पर मुआवजे के लिए दीवानी का मुकदमा किया जा सकता है। बता दें कि यह मुकदमा वह ही व्यक्ति दायर कर सकता है, जिसकी निजता का उल्लंघन हुआ हो।