जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाने वाले थे सरदार बल्लभ भाई पटेल

Edited By ,Updated: 31 Oct, 2016 01:27 PM

untold story of sardar bhallabh bhai patel

सरदार बल्लभ भाई पटेल को उनकी जयंती पर आज पूरा देश नमन कर रहा है।

जम्मू: सरदार बल्लभ भाई पटेल को उनकी जयंती पर आज पूरा देश नमन कर रहा है। इस महान हस्ती के कारण ही आज जम्मू कश्मीर भारत के सिर का ताज बना हुआ है। 26 अक्तूबर 1947 को जम्मू कश्मीर राज्य का भारत में विलय हुआ था। इसका सारा श्रेय सरदार की जो जाता है।

महाराजा हरि सिंह को इस विलय के लिए मनाने का चुनौतीपूर्ण कार्य सरदार जी ने ही किया था। सरदार जी ने देश की तमामा रियासतों का भारतीय संघ में विलय करवाने का काम किया था और तभी जम्मू कश्मीर, जूनागढ़ और हैदराबाद का मामला अटका था। महाराजा हरि सिंह उस समय जम्मू कश्मीर के राजा थे। जम्मू कश्मीर में ज्यादा आबादी मुस्लिमों की थी। इसलिए पाकिसतान भी हर संभव कोशिश में जुटा था कि कश्मीर उसके साथ मिल जाए। इसी मक्सद से उसने 24 अक्तूबर 1947 की सुबह हजारों की संख्या में कबायली राज्य में घुसा दिए। उद्देश्य साफ था। कब्जा। कश्मीर पर कब्जा।

ऐेसे में महाराज ने भारत से मद्द मांगी। भारत के लिए यही मौका था। 25 अक्तूबर को सरदार पटेल के नजदीकी वी पी मेनन श्रीनगर पहुंचे और उन्होंने महाराजा के आगे कश्मीर विलय का प्रस्ताव रखा। 26 अक्तूबर को महाराजा अपने पूरे दरबार के साथ जम्मू पहुंचे और आते ही उन्होंने विलय पत्र पर हस्ताक्ष कर दिए। इसी के साथ जम्मू कश्मीर भारतीय संघ में शामिल हो गया। दूसरे दिन यनि कि 27 अक्तूबर को पहली सिख बटालियन हवाई मार्ग से श्रीनगर पहुंची। हांलाकि गिलगित और बाल्टीस्तान पर पाकिस्तानी फौज ने कब्जा कर लिया था। भारत और कबायलियों तथा पाकिस्तानी फौज के उस संघर्ष को पहले युद्ध भी कहा जाता है।

 

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