कश्मीर विवाद पर बोले सेना प्रमुख: जीप के आगे किसी को बांधना नियम नहीं है बल्कि परिस्थिति है

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jun, 2017 04:58 PM

use of human shield in according to the situation its not norm said rawat

कश्मीर में पत्थरबाजों से बचने के लिए सेना द्वारा जीपन के आगे कश्मीरी युवक को बांधने पर उपजे तनाव पर एक बार फिर सेना प्रमुख ने अपने विचार रखे हैं।

नई दिल्ली: कश्मीर में पत्थरबाजों से बचने के लिए सेना द्वारा जीपन के आगे कश्मीरी युवक को बांधने पर उपजे तनाव पर एक बार फिर सेना प्रमुख ने अपने विचार रखे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा नियम नहीं है बल्मि मौके की नजाकत को देखते हुए अधिकारी की फैसला है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में स्थिति जो दिखाई जा रही है वैसी नहीं है और हालात जल्द सुधरेंगे।


मेजर गोगोई द्वारा कश्मीर में पत्थरबाजों को रोकने के लिए जीप के आगे कश्मीरी युवक को बांधे जाने के बाद काफी तनाव हो गया था। स्थिति और भी ज्यादा उस समय खराब हो गई जब सेना ने अधिकारी को उसके काम के लिए सम्मानित किया। इसका अलगाववादियों और विपक्ष ने पुरजोर विरोध किया। सेना प्रमुख ने कहा कि हयुमन शील्ड कोई नियम नहीं है। आमतौर पर इसे समर्थन नहीं दिया जाता। परन्तु परिस्थितियां वैसी ही थी कि मेजर को ऐसा फैसला लेना पड़ा। वह उस स्थिति में बैठकर आर्डर की प्रतिक्षा नहीं कर सकते थे। मुझे लगता है कि उनकी समझ के अनुसार उन्होंने फैसला लिया और ऐसी परिस्थिति में अगर किसी के पास बेहत्तर आडिया है तो बताए कि स्थिति से कैसा निपटा जाए। हम उसका भी स्वागत करेंगे।


सेना प्रमुख के बयान हुआ था विरोध
सेना प्रमुख बिपिन रावत के बयान का सीपीआई नेता प्रकाश करात ने जमकर विरोध किया था। सेना प्रमुख ने कहा था कि पत्थरबाजों को पत्थर की जगह बंदूक का प्रयोग करना चाहिए। करात ने कहा कि ऐसा बयान देकर रावत कश्मीरी युवकों को भडक़ा रहे हैं। इस पर रावत ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। कश्मीर में स्थिति सामान्य करने के लिए और वार्ता के लायक माहौल बनाने हेतु हिंसा को कम करना होगा।

 

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