विरोध के बाद झुकी वसुंधरा सरकार, विवादित बिल भेजा सेलेक्ट कमेटी को

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Oct, 2017 12:51 PM

vasundhara government issues disputed bill to the select committee

लोकसेवकों को संरक्षण देने वाला क्रिमिनल लॉ के संसोधन बिल पर विरोध का सामना कर रही राजस्थान ने आखिरकार नया रास्ता निकाला है। विरोध के चलते सरकार ने ने बिल को पुनर्विचार के लिए सेलेक्ट कमेटी को भेज दिया है। सोमवार को राजस्थान विधानसभा में अध्यादेश पेश...

नेशनल डेस्क: लोकसेवकों को संरक्षण देने वाला क्रिमिनल लॉ के संसोधन बिल पर विरोध का सामना कर रही राजस्थान सरकार ने आखिरकार नया रास्ता निकाला है। विरोध के चलते सरकार ने बिल को पुनर्विचार के लिए सेलेक्ट कमेटी को भेज दिया है। सोमवार को राजस्थान विधानसभा में अध्यादेश पेश किया गया था लेकिन इस दौरान सरकार को भारी हंगामे का सामना करना पड़ा। इस पर मुख्यमंत्री वंसुधरा राजे ने शाम को अपने मंत्रियों को आवास पर बुलाया था और उन्हें अध्यादेश पर एक बार फिर विचार करने का निर्देश दिया था। उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार के इस विवादित अध्यादेश को कांग्रेस ने काला कानून बताते हुए सदन से वॉक आउट किया था। वहीं इस विवादित अध्यादेश की लड़ाई राजस्थान हाईकोर्ट भी पहुंच गई। इस अध्यादेश को एक वकील ने चुनौती दी है।

क्यों हुआ बिल का विरोध?

इस बिल के मुताबिक किसी भी सरकारी अफसर या जज के खिलाफ बिना सरकार की इजाजत के किसी भी तरह की जांच नहीं की जाएगी। किसी भी जज, मजिस्ट्रेट या लोकसेवक के खिलाफ जांच के आदेश के लिए सरकार से मंजूरी लेनी होती थी। वहीं किसी लोकसेवक के खिलाफ कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं करा सकता। इतना ही नहीं पुलिस भी एफआईआर दर्ज नहीं कर सकती और न ही किसी लोकसेवक के खिलाफ कोई कोर्ट जा सकता है और न हीं जज किसी लेकसेवक के खिलाफ कोई आदेश दे सकता है। सरकार के स्तर पर सक्षम अधिकारी को 180 दिन के अंदर जांच की इजाजत देनी होगी, अगर ऐसा नहीं किया गया तो इसे स्वीकृत माना जाएगा।

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