Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Feb, 2018 08:47 AM
व्यापक अटकलों के बावजूद राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को उनके पद से हटाने का कोई प्रस्ताव नहीं। यह बात अब रहस्य नहीं रही कि मोदी-शाह की जोड़ी उनको पसंद नहीं करती और वह हमेशा ही उन दोनों में से किसी एक के साथ मुलाकात करने के लिए हरसंभव...
नेशनल डेस्कः व्यापक अटकलों के बावजूद राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को उनके पद से हटाने का कोई प्रस्ताव नहीं। यह बात अब रहस्य नहीं रही कि मोदी-शाह की जोड़ी उनको पसंद नहीं करती और वह हमेशा ही उन दोनों में से किसी एक के साथ मुलाकात करने के लिए हरसंभव प्रयास करती रहती हैं। जब उपचुनाव का समय आया तो वह चाहती थीं कि पार्टी उच्च कमान 2 संसदीय सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करे मगर अमित शाह ने वसुंधरा को ‘फ्री हैंड’ दे दिया। वह चाहती थीं कि मोदी चुनाव प्रचार करें और कम से कम एक रैली को संबोधित करें।
उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि चुनाव हार में दोष उन पर न आए। उपचुनावों के परिणामों में वह बुरी तरह पराजित हुई हैं और इस संबंध में गहरी चुप्पी छाई हुई है। मोदी-शाह की जोड़ी का दोषी मुख्यमंत्रियों के साथ निपटने का अपना ही तरीका है। वे ऐसे नेताओं को खुद की राजनीतिक मौत मरने की अनुमति देते हैं। उदाहरण के लिए मोदी हिमाचल के भाजपा नेता पी.के. धूमल को पसंद नहीं करते। परिणाम यह हुआ कि राज्य में भाजपा जीत गई और धूमल हार गए। इसलिए जब राजस्थान विधानसभा के चुनाव होंगे तो हरेक को स्थिति को सावधानीपूर्वक देखना होगा।