Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Aug, 2017 10:59 AM
अमरीकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट ने भारत में गौरक्षकों को लेकर बड़ा खुलासा किया है
वॉशिंगटन अमरीकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट ने भारत में गौरक्षकों को लेकर बड़ा खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में अधिकांश रूप से मुस्लिमों के खिलाफ गौरक्षकों की हिंसा में वृद्धि हुई है। यही नहीं ऐसे मामलों में प्रशासन गौरक्षकों के खिलाफ मुकदमा चलाने में विफल रहा है। ट्रंप प्रशासन के तहत इस पहली रिपोर्ट को अमरीकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने जारी किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने चिंता जाहिर की कि भाजपा सरकार के तहत धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय असुरक्षित महसूस करता है। हिंदू राष्ट्रवादी गुट गैर हिंदुओं और उनके पूजा स्थलों के खिलाफ हिंसा में शामिल रहते हैं। अमरीकी विदेश विभाग की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि धर्म प्रेरित हत्याएं, हमलों, दंगों और भेदभाव की खबरें आई हैं। गौरक्षकों द्वारा मुसलमानों की हत्या, उन पर हमले और उन्हें धमकाने की घटनाएं बढ़ी हैं।
वांजेलिकल फेलोशिप ऑफ इंडिया (EFI) के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015 में 177 की तुलना में 2016 में ईसाइयों पर हमले की 300 घटनाएं हुई हैं। धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय का कहना है कि केंद्र सरकार कभी-कभी हिंसा की घटनाओं के खिलाफ बोलती है लेकिन स्थानीय राजनेता ऐसा नहीं करते। इससे पीड़ित और अल्पसंख्यक समुदाय असुरक्षित महसूस करता है।
रिपोर्ट में तीन तलाक का भी जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक को चुनौती देने का केंद्र सरकार ने समर्थन किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 24 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के महोबा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि धर्म के आधार पर महिलाओं के खिलाफ भेदभाव नहीं होने दिया जाएगा। मुस्लिम महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने इसे अपने धार्मिक मामलों में सरकार का हस्तक्षेप बताया है।