...जब शास्त्री जी ने कश्मीर जाने से कर दिया था इंकार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jan, 2018 11:55 AM

when shastri ji refused to go to kashmir

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। मोदी ने ट्वीट पर अपने संदेश में लिखा, हम शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उनकी उत्कृष्ट सेवा और साहसी...

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। मोदी ने ट्वीट पर अपने संदेश में लिखा, हम शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उनकी उत्कृष्ट सेवा और साहसी नेतृत्व को आने वाली कई पीढ़िया याद रखेंगी। 2 अक्तूबर1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में जन्मे 'जय जवान, जय किसान' का नारा देने वाले भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने अपने विचारों और सादगी के जरिए देशवासियों के मन में अमिट छाप छोड़ी। उन्हें आज भी देश के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री के रूप में याद किया जाता है। 11 जनवरी 1966 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
PunjabKesari
कठिनाइयों में बीता जीवन
बचपन में ही शास्त्री जी के पिता की मौत हो गई थी। जिससे उनका बचपन बड़ी ही गरीबी में बीता। बचपन में पढ़ाई के दौरान शास्त्री जी कई मील की दूरी नंगे पांव ही तय कर विद्यालय जाते थे, यहां तक की भीषण गर्मी में जब सड़कें अत्यधिक गर्म हुआ करती थीं तब भी उन्हें ऐसे ही जाना पड़ता था। उनके पास नदी पार करने के लिए पैसे नहीं होते थे तो वह तैरकर गंगा नदी पार करते और स्कूल जाते थे। 

बदल ली थी अपनी जाति
कायस्थ परिवार में जन्में लाल बहादुर शास्त्री के बचपन का नाम नन्हे था। इसके बाद काशी विद्यापीठ से उन्होंने 'शास्त्री' की उपाधि हासिल की और अपने उपनाम श्रीवास्तव को हटाकर शास्त्री कर लिया।
PunjabKesari
गांधी जी से प्रभावित थे
गांधी जी ने असहयोग आंदोलन में शामिल होने के लिए अपने देशवासियों से आह्वान किया था, इस समय लाल बहादुर शास्त्री केवल 16 साल के थे। उन्होंने महात्मा गांधी के इस आह्वान पर अपनी पढ़ाई छोड़ देने का निर्णय कर लिया था। उनके इस निर्णय ने उनकी मां की उम्मीदें तोड़ दीं। उनके परिवार ने उनके इस निर्णय को गलत बताते हुए उन्हें रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन वे इसमें असफल रहे। लाल बहादुर ने अपना मन बना लिया था। उनके सभी करीबी लोगों को यह पता था कि एक बार मन बना लेने के बाद वे अपना निर्णय कभी नहीं बदलेंगें क्योंकि बाहर से विनम्र दिखने वाले लाल बहादुर अन्दर से चट्टान की तरह दृढ़ थे। जीवन में अनेक संघर्षों के बावजूद 09 जून 1964 को शास्त्री जी भारत के प्रधामंत्री बने।
PunjabKesari
कश्मीर जाने से कर दिया ता मना
यह बात 1962 के करीब की है। उस समय शास्त्री जी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव थे। उस समय देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू थे। उन्हें पार्टी के किसी महत्वपूर्ण काम से कश्मीर जाना था। पंडित नेहरू ने शास्त्री जी जाने के लिए कहा तो वह लगातार मना कर रहे थे। पंडित नेहरू भी चकरा गए कि वह ऐसा क्यों कर रहे हैं। पंडित नेहरू उनका बहुत सम्मान करते थे। बाद में उन्होंने वहां नहीं जाने के बारे में कारण पूछ ही लिया। पहले तो वह बताने को राजी नहीं हुए, मगर बहुत कहने पर उन्होंने जो कुछ कहा उसे सुनकर पंडित नेहरू की भी आंखों में आंसू आ गए। शास्त्री जी ने बताया कि कश्मीर में ठंड बहुत पड़ रही है और मेरे पास गर्म कोट नहीं है। पंडित नेहरू ने उसी समय अपना कोट उन्हें दे दिया और यह बात किसी को नहीं बताई। लाल बहादुर शास्त्री जब प्रधानमंत्री बने तो इसी कोट को पहनते रहे।
PunjabKesari
पत्नी ने अपनी पेंशन से जमा किया कार का किश्त
शास्त्री जी की ईमानदारी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिन्होंने 1965 में अपनी फीएट कार खरीदने के लिए पंजाब नेशनल बैंक से पांच हजार ऋण लिया था। मगर ऋण की एक किश्त भी नहीं चुका पाए और 1966 में शास्त्री जी का देहांत हो गया। देहांत हो जाने के बाद बैंक ने नोटिस भेजा तो उनकी पत्नी ने अपनी पेंशन के पैसे से कार के लिए लिया गया ऋण चुकाने का वायदा किया और फिर धीरे-धीरे बैंक के पैसे अदा किए।

उनके शासनकाल में 1965 का भारत-पाक युद्ध हुआ। इस युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी। जय जवान-जय किसान का नारा भी इसी दौरान दिया गया। ताशकंद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब ख़ान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी, 1966 की रात में ही रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई। देश के लोग शास्त्री जी की नेतृत्व क्षमता पर गर्व करते हैं। राष्ट्रभक्ति के लिए लाल बहादुर शास्त्री देश के हर दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!