महिला कुली ने सुनाई अपने संघर्ष की कहानी, भावुक हुए राष्ट्रपति

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jan, 2018 07:33 PM

women coolie story make president emotional

राजस्थान की पहली महिला कूली मंजू ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि आजीविका कमाने के लिए पुरुषों के वर्चस्व वाले पेशे में काम करने की उसकी विवशता उसे एक दिन ऐश्वर्या राय बच्चन और 90 अन्य महिलाओं के साथ राष्ट्रपति भवन पहुंचा देगी...

नई​ दिल्ली: राजस्थान की पहली महिला कूली मंजू ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि आजीविका कमाने के लिए पुरुषों के वर्चस्व वाले पेशे में काम करने की उसकी विवशता उसे एक दिन ऐश्वर्या राय बच्चन और 90 अन्य महिलाओं के साथ राष्ट्रपति भवन पहुंचा देगी। जब जयपुर रेलवे स्टेशन पर 15 नंबर की कूली मंजू ने इस काम को करने की अपनी परिस्थितियों को बयां किया तो राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद भी भावुक हो गए। 


मंजू ने राष्ट्रपति भवन में अपने-अपने क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करने वाली महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मेरा वजन 30 किलोग्राम था और यात्रियों का बैग भी 30 किलोग्राम था लेकिन तीन बच्चों को पालने के बोझ के मुकाबले यह कहीं नहीं था। मेरे पति की मौत के बाद मुझे उन्हें पालना था। मेरे भाई ने मुझे जयपुर आने और कोई काम ढूंढने के लिए कहा।
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उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने मुझे छह महीने तक प्रशिक्षण दिया और उसके बाद मैं कूली बन गई। मंजू और कुछ अन्य महिलाओं की कहानियां सुनने के बाद राष्ट्रपति ने कहा कि यहां हर किसी के पास सुनाने के लिए अपनी एक कहानी है। इस कार्यक्रम में अलग-अलग पृष्ठभूमि की 90 से अधिक महिलाओं को सम्मानित किया गया।

 

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