Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jul, 2017 03:38 PM
जीएसटी लागू होने से जहा व्यापारी पशोपश की स्थिति में हैं वहीं सैनेटरी नैपकिन्स पर भी जीएसटी लगने से महिलाओं में रोष हैं। सैनेटरी नैपकिन्स पर 12 प्रतिशत टैक्स लगाया गया है।
नई दिल्लीः जीएसटी लागू होने से जहा व्यापारी पशोपश की स्थिति में हैं वहीं सैनेटरी नैपकिन्स पर भी जीएसटी लगने से महिलाओं में रोष हैं। सैनेटरी नैपकिन्स पर 12 प्रतिशत टैक्स लगाया गया है। तमिलनाडू के कोयम्बटूर के सामाजिक कार्यकर्त्ताओं ने एक यूथ रेवोल्यूशनरी मूवमेंट छेड़ दिया है। विरोध जताने का एक नया तरीका अपनाते हुए इन कार्यकर्त्ताओं ने न केवल केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, बल्कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली के घर सैनेटरी नैपकिन्स भी भिजवा दिए। जीएसटी लागू होने से पहले सैनेटरी नैपकिन्स पर 5 प्रतिशत टैक्स लगता था।
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में 12 प्रतिशत टैक्स को लेकर एक याचिका दी गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से इस पर जवाब मांगा था। यह याचिका जेएनयू की एक पीएचडी स्कॉलर ज़रमीना इसरार खान ने डाली थी। याचिका में कहा गया था कि सैनेटरी नैपकिन्स पर इतना टैक्स लगाकर महिलाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है और यह गैरकानूनी व्यवहार है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरी शंकर की बेंच ने सरकार से इस मामले को 15 नवंबर तक सुलझाने के लिए कहा है।