विपक्ष में आने के बाद कांग्रेस नेताओं को भा रहा है 'पुस्तकें लिखना', फेहरिस्त में शीला भी हुई शामिल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Dec, 2017 06:46 PM

writing books after the opposition comes to congress leaders

कांग्रेस भले ही पिछले तीन साल से एक के बाद एक चुनाव में अपना जनाधार खो रही हो लेकिन पार्टी के कई नेता इस चुनौती भरे समय का इस्तेमाल पुस्तकें लिखने में कर रहे हैं। अब इस कड़ी में नया नाम शीला दीक्षित का जुड़ने जा रहा है। इस दिनों दिल्ली की पूर्व...

नई दिल्लीः कांग्रेस भले ही पिछले तीन साल से एक के बाद एक चुनाव में अपना जनाधार खो रही हो लेकिन पार्टी के कई नेता इस चुनौती भरे समय का इस्तेमाल पुस्तकें लिखने में कर रहे हैं। अब इस कड़ी में नया नाम शीला दीक्षित का जुड़ने जा रहा है। इस दिनों दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री अपनी आत्मकथा लिखने में व्यस्त है। पिछले आम चुनावों में कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं की पुस्तकें आ चुकी हैं जिनमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के अलावा सलमान खुर्शीद, शशि थरूर, जयराम रमेश, मनीष तिवारी आदि शामिल हैं।

वहीं, अपनी पुस्तक पर शीला दीक्षित ने कहा, ‘आपको थोड़ी प्रतीक्षा करनी पड़ेगी।’ पिछले वर्ष कांग्रेस नेता आनंद शर्मा के संपादन में पुस्तक आई ‘रिमेम्बरिंग जवाहरलाल नेहरू, ए लाइफ डेडिकेटेड टु द नेशन-125 इयर्स'। यह पुस्तक इस लिए भी महत्व रखती है कि इस पुस्तक की भूमिका तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लिखी है। पूर्व वित्त मंत्री एवं वरिष्ठ वकील पी. चिदंबरम जाने माने स्तंभकार भी हैं। साल 2016 में उनकी पुस्तक आयी थी- ‘स्टेंडिंग गार्ड : ए ईयर इन अपोजीशन।’ इस साल फरवरी में उनकी दूसरी पुस्तक आई है, ‘फियरलैस इन अपोजीशन-पावर एंड एकाउंटेबिलिटी’।

पूर्व विदेश मंत्री, वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद की 2014 में पुस्तक आई ‘एट होम इन इंडिया : द मुस्लिम सागा’. वर्ष 2015 में उनकी पुस्तक आई थी- ‘द अदर साइड आफ माउंटेन’। कांग्रेस के प्रवक्ता और पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी की इस साल आई पुस्तक ‘डिकोडिंग ए डिकेड : द पॉलीटिक्स ऑफ पॉलिसी मेकिंग’ ने भी खूब सुर्खियां बटोरी। इस किताब के सुर्खियों में आने का एक कारण यह भी रहा कि इसके विमोचन के अवसर पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को आड़े हाथ लिया था।

इस वर्ष पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की आत्मकथा रूपी पुस्तक ‘द कोलिशन इयर्स’ आई। इस पुस्तक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री मुखर्जी ने 1996 से देश में शुरू हुए गठबंधन सरकारों के दौर को ध्यान में रखकर अपने अनुभवों को उकेरा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी करने के कारण हाल में सुर्खियों में आए कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर की 2015 में एक पुस्तक आई ‘अच्छे दिन, हा..हा’। यह दरअसल मोदी सरकार के सत्ता में आने के पहले वर्ष के कामकाज के बारे में लिखे गए अय्यर के विभिन्न लेखों का संकलन है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एमएल. फोतेदार की दो साल पहले आत्मकथा ‘द चिनार लीव्ज : ए पालिटिकल मेमोयर्स’ आयी थी। हालांकि, फोतेदार का इस साल निधन हो गया।

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