गुजरात से पहले यूपी में लेनी होगी कांग्रेस को बीजेपी से टक्कर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Oct, 2017 07:26 PM

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यूपी में नगर निगम चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई है। और इसी के साथ जारी हो गया है कि पार्टियों का राजनैतिक द्वंद। यह तय माना जा रहा है कि यूपी का यह चुनावी द्वंद जो जीतेगा उसके लिए गुजरात फतह करना आसान होगा। हालांकि यूपी नगर निगम चुनाव में मुख्य लड़ाई...

नेशनल डेस्क: यूपी में नगर निगम चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई है। और इसी के साथ जारी हो गया है कि पार्टियों का राजनैतिक द्वंद। यह तय माना जा रहा है कि यूपी का यह चुनावी द्वंद जो जीतेगा उसके लिए गुजरात फतह करना आसान होगा। हालांकि यूपी नगर निगम चुनाव में मुख्य लड़ाई बीजेपी, बसपा और सपा के बीच है। जिसमें अब आप ने भी शामिल होने का संकेत दिया है। जबकि गुजरात विधानसभा चुनाव में मुख्य दोवदारी बीजेपी व कांग्रेस के बीच है। बस यही गणित बीजेपी के लिए गुजरात में फायदेमंद साबित हो सकती है। कारण यह है कि यूपी में कांग्रेस का संगठन इतना मजबूत नहीं है कि वो नगर निगम चुनाव लड़ सके। इसके पहले भी नगर निगम चुनावों में कांग्रेस की उपस्थिति ना के बराबर रही है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को अब नगर निगम चुनाव में उतरना ही होगा। अगर वो ऐसा नहीं करती है तो गुजरात फतह उसके लिए मुश्किलों भरा हो सकता है।

योगी की फिर होगी परीक्षा
गुजरात में मोदी से पहले यूपी में योगी को परीक्षा देनी पड़ रही है। हाल ही हुए यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत हुुई थी। जिसे लोग भूले नहीं हैं, इस बात को योगी भी जानते हैं। इसका लाभ वो जरूर उठाएंगे। हालांकि गोरखपुर में बच्चों की मौत, कानून व्यवस्था के अलावा नोटबंदी और जीएसटी जैसे मुद्दों से हुई नाराजगी का उन्हें सामना करना पड़ेगा। विरोधी इन मुद्दों की गोली को मोदी के कंधे पर रख कर योगी पर चलाएंगे। विरोधियों की जवाब देने के लिए योगी के पास एंटी रोमियो अभियान, अवैध बूचडख़ाने, किसानों की कर्जमुक्ति, गढ्डा मुक्त सड़क, राम मंदिर पुन: निर्माण जैसी योजनाओं की ढाल है।
योगी इनका भरपूर प्रयोग कर सकते हैं। 

यूपी में क्या इतिहास दोहराएगी जनता
2012 में ही यूपी विधानसभा चुनाव हुए जिसमें सपा प्रदेश में काबिज हुई। ठीक 4-5 महीने बाद ही हुए निगम चुनाव में जनता ने सत्ता पर काबिज सपा सरकार को दरकिनार कर बीजेपी को समर्थन दिया। जिसका नतीजा यह हुआ कि 8 मेयर में से 6 मेयर बीजेपी के बने। बाकी के बचे दो में से एक पर बीएसपी समर्थित मेयर कैंडिडेट ने अपना परचम फहराया जबकि सत्तारूढ़ पार्टी सपा का केवल एक मेयर ही बना। जनता ने क्राइम कंट्रोल में फेल होने पर सपा को अंगूठा दिखा दिया। इस बार भी क्राइम, स्वास्थ्य और सुरक्षा का मुद्दा ही मुख्य होगा।

यूपी फतह के बाद गुजरात में योगी की धमक
बीजेपी यह मानकर चल रही है कि नगर निगम चुनाव में उसकी जीत पक्की है। इसके लिए योगी ने यूपी चुनाव अभियान का खांका तैयार कर लिया है। निगम चुनाव का रिजल्ट एक दिसंबर को आएगा। अगर बीजेपी के हक में फैसला आता है तो इसके दोहरे फायदे बीजेपी को मिलेंगे। पहला तो योगी का कद और बढ़ जाएगा जिसका लाभ गुजरात चुनाव अभियान में मिलेगा। दूसरा यह कि जनता का विश्वास अभी भी बीजेपी के साथ बना हुआ है इस प्रकार बीजेपी यूपी की जीत को गुजरात में प्रदर्शित करेगी।
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एक नजर 
यूपी के नगर निगम चुनाव
पहला चरण --22 नवंबर 
दूसरा चरण-- 26 नवंबर 
तीसरा चरण -- 29 नवंबर 
वोटों की गिनती -- 01 दिसंबर 
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गुजरात विधानसभा चुनाव
पहला चरण -- 09 दिसंबर
दूसरा चरण -- 14 दिसंबर
वोटों की गिनती -- 18 दिसंबर

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