Edited By ,Updated: 22 Feb, 2017 10:53 PM
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में विदेश से
मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में विदेश से वीडियो लिंक के जरिए पेश होने के विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के अनुरोध को खारिज कर सकती है। ईडी के अधिकारियों ने प्रस्ताव को मंजूर करने में अक्षम होने के संकेत दिए क्योंकि धनशोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलएम) के प्रावधानों के तहत इस तरह के उपचार की मंजूरी नहीं है।
उन्होंने साथ ही कहा कि नाइक एवं अन्य के खिलाफ धनशोधन के गंभीर आरोपों की जांच की जा रही है जिसे देखते हुए एजेंसी नाइक से ‘‘व्यक्तिगत रूप से’’ से पूछताछ करना चाहती है। एजेंसी ने नाइक को तीन सम्मन जारी किए और अब उनके खिलाफ अदालत द्वारा जारी सम्मन या गैर जमानती वारंट हासिल करने पर विचार कर रही है क्योंकि पीएमएलए के तहत नाइक को सम्मन भेजने के विकल्प लगभग खत्म हो गए हैं।
नाइक ने अपने वकील के जरिए मंगलवार को यह अनुरोध किया था। गैर सरकारी संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) के संस्थापक नाइक ने अपने वकील महेश मुले के जरिए पत्र भेजा जिसमें कहा गया, ‘‘मेरे मुवक्किल जांच में आपके सहयोग के लिए स्काइप या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के किसी दूसरे माध्यम के जरिएे कोई भी बयान देने के लिए तैयार हैं।’’
नाइक ने कहा था कि वह एक अप्रवासी भारतीय हैं और उन्हें कोई भी सम्मन नहीं मिला। हालांकि पत्र में कहा गया कि दो फरवरी को उनके भाई को सम्मन सौंपा गया था जिसमें नाइक से नौ फरवरी को ईडी के सामने पेश होने के लिए कहा गया। पत्र में साथ ही कहा गया कि इसे (सम्मन की) उचित सेवा नहीं माना जा सकता।