चीनी कर्ज के जाल में फंसकर बर्बाद हो रहें है ये 8 देश

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Mar, 2018 05:03 AM

8 countries being trapped in chinese debt trap

सैंटर फॉर ग्लोबल डिवैल्पमैंट रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान और मालदीव समेत दुनिया के 8 देश चीनी कर्ज के जाल में फंसकर बर्बाद हो सकते हैं। करीब 8 लाख करोड़ डॉलर की लागत वाला चीन का महत्वाकांक्षी वन बैल्ट वन रोड इनिशिएटिव (बी.आर.आई.) इन देशों...

नई दिल्ली: सैंटर फॉर ग्लोबल डिवैल्पमैंट रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान और मालदीव समेत दुनिया के 8 देश चीनी कर्ज के जाल में फंसकर बर्बाद हो सकते हैं। करीब 8 लाख करोड़ डॉलर की लागत वाला चीन का महत्वाकांक्षी वन बैल्ट वन रोड इनिशिएटिव (बी.आर.आई.) इन देशों की बर्बादी का कारण बन सकता है। 

स्टडी के मुताबिक यूरोप, अफ्रीका और एशिया में चलने वाले इस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजैक्ट के चलते इन देशों के सामने कर्ज का संकट खड़ा हो सकता है। सैंटर फॉर ग्लोबल डिवैल्पमैंट रिसर्च ने हाल में दुनिया भर के करीब 68 देशों में मौजूदा दौर में या आगामी भविष्य में चलने वाले बी.आर.आई. फंडेड प्रोजैक्ट का अध्ययन किया। इसमें पाया गया कि करीब 23 में से 8 देश ऐसे हैं जो कर्ज के संकट से जूझ रहे हैं। अगर उन्हें आगे भी बी.आर.आई. से जुड़ा फंड दिया गया तो उनका कर्ज नासूर बन जाएगा। इन देशों में भारत के 2 पड़ोसी देशों मालदीव और पाकिस्तान के अलावा जिबूती, किर्गिस्तान, लाओस, मंगोलिया, मोंटेनेग्रो और ताजिकिस्तान शामिल हैं।

चीन बुन रहा जाल 
सैंटर फार डिवैल्पमैंट में विजिटिंग फैलो और इस रिपोर्ट के को-ऑथर जॉन हार्ले के मुताबिक कर्ज में फंसने वाले ज्यादातर देश ऐसे हैं जिन्हें अपने इंफ्रा को दुरुस्त करने के लिए फाइनैंसिंग की सख्त जरूरत है। बी.आर.आई. से उनकी यह जरूरत पूरी हो रही है। खासकर चीन जिस तरह आसानी से लोन दे रहा है उसे कौन नहीं लेना चाहेगा। इसमें किसी तरह का संकट भी नहीं है। अपने कर्ज के संकट में फंसे किसी देश को चीन जिस तरीके से मैनेज करता है वह सबसे बड़ी समस्या है। यानी कि देशों को फंसाने के लिए चीन जाल बुन रहा है। 

ऐसे फंसते हैं देश 
बता दें कि कर्ज नहीं चुका पाने वाले देशों के खिलाफ  चीन कई तरह के दबाव बनाने के लिए पूरी दुनिया में बदनाम है। श्रीलंका, कम्बोडिया और नाइजीरिया को न चाहते हुए भी चीन की शर्तों पर समझौता करने को बाध्य होना पड़ा है। कर्ज नहीं चुका पाने पर श्रीलंका को अपने पोर्ट तक चीन को देने के लिए बाध्य होना पड़ा है। चीन ने बिना ग्रोथ पोटैंशियल के ऐसे कई देशों को बेतहाशा कर्ज दिया और कर्ज नहीं चुका पाने के एवज में उनकी जमीनें हड़प लीं या फिर कई तरह के नियम थोप दिए। 

क्या करते हैं भारत-अमरीका 
दरअसल भारत, जापान और अमरीका जैसे देश तथा वल्र्ड बैंक और आई.एम.एफ . जैसी संस्थाएं भी इस तरह के प्रोजैक्ट के लिए लोन देते रहे हैं लेकिन इनकी रेट बेस कम होती है। साथ ही ये लोग किसी देश के ग्रोथ पोटैंशियल को भी देखते हैं। मतलब जिस देश को कर्ज दिया जा रहा है वह उसे चुका भी पाएगा या नहीं। अगर वह चुकाने लायक नहीं है तो उसे लंबी अवधि का लोन दिया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक इसके ठीक उलट चीन ये पैरामीटर नहीं देख रहा है। यही कारण है कि ये देश कर्ज के संकट में फंस सकते हैं। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!