Edited By ,Updated: 02 Oct, 2015 04:41 PM
पिछले साल दिल्ली के चिड़ियाघर में एक सफेद बाघ का शिकार बने 22 साल के युवक मकसूद की मौत के लिए केंद्र सरकार ने उसे ही जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उसने चेतावनी नहीं मानी और दुर्घटनावश बाड़े में जा गिरा।
नई दिल्ली: पिछले साल दिल्ली के चिड़ियाघर में एक सफेद बाघ का शिकार बने 22 साल के युवक मकसूद की मौत के लिए केंद्र सरकार ने उसे ही जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उसने चेतावनी नहीं मानी और दुर्घटनावश बाड़े में जा गिरा। इसका करीब 2 मिनट 26 सेकेंड का वीडियो लाखों लोगों के लिए मात्र सबक बनकर रह गया। केंद्रीय प्राणिउद्यान प्राधिरकण द्वारा नियुक्त एक समिति की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां राष्ट्रीय प्राणिउद्यान चिडिय़ाघर के कर्मचारियों ने मौजूद परिस्थितियों में अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिश की। यह रिपोर्ट मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की सदस्यता वाली पीठ के समक्ष दाखिल की गई।
इसमें कहा गया है कि ऐसी दुर्घटना हो जाने पर अब इस तरह की किसी चीज से बचने के लिए ठोस योजना बनानी होगी और उसे लागू करना होगा। केंद्र सरकार के वकील जसमीत सिंह द्वारा दाखिल की गई रिपोर्ट के मुताबिक समिति का मानना है कि मकसूद बाघों के प्रति अपनी सनक के चलते ही दुर्घटनावश बाड़े में गिर गया। यह रिपोर्ट मृतक की पत्नी द्वारा दायर याचिका पर सौंपी गई है।
उसने दावा किया था कि सरकार को लापरवाही और सुरक्षा चूक को लेकर मुआवजा देना चाहिए। उसने 50 लाख रुपए का मुआवजा मांगा था। अदालत ने केंद्र को आपदा प्रबंधन के लिए किसी समिति का गठन होने की जानकारी देते हुए एक हलफनामा दो दिसंबर से पहले सौंपने को कहा है। अदालत अधिवक्ता अवध कौशिक की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसके जरिए भविष्य में ऐसी घटनाओं के दोहराव को रोकने के लिए अधिकारियों को कदम उठाने के लिए निर्देश देने की मांग की थी।