Edited By ,Updated: 17 Nov, 2016 02:39 PM
उच्चतम न्यायालय ने 500 और एक हजार रूपये के करेंसी नोटों के विमुद्रीकरण के आठ नवंबर के अपने फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने 500 और एक हजार रूपये के करेंसी नोटों के विमुद्रीकरण के आठ नवंबर के अपने फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय को छोड़ कर विभिन्न उच्च न्यायालयों और अन्य अदालतों में दायर मामलों की सुनवाई पर स्थगन लगाने की केंद्र की ताजा याचिका पर कल सुनवाई करने पर आज सहमति दे दी।
अदालती कार्रवाई से भ्रम पैदा होगा
न्यायमूर्ति ए आर दवे और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की पीठ ने केंद्र की तरफ से पेश एटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी की दलील पर सहमति जता दी कि शीर्ष न्यायालय को छोड़कर विभिन्न अदालतों में कार्रवाई से बहुत भ्रम पैदा होगा। पीठ ने 15 नवंबर को विमुद्रीकरण की सरकार की अधिसूचना पर स्थगन लगाने से इंकार कर दिया लेकिन सरकार से कहा कि वह आमजन की तकलीफों को कम करने के कदम बताए।
आम लोगों को हाे रही दिक्कत
उच्चतम न्यायालय में दायर चार जनहित याचिकाओं में से दो दिल्ली आधारित वकीलों - विवेक नारायण शर्मा और संगम लाल पांडेय - ने दायर की हैं जबकि एस. मुथुकुमार और आदिल अलवी ने एक एक याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं के आरोप हैं कि अचानक किए गए फैसले से अव्यवस्था पैदा हो गई है और आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की है कि वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की अधिसूचना या तो निरस्त की जाए या कुछ समय के लिए टाली जाए।