Edited By ,Updated: 03 Jan, 2015 01:52 PM
मां-बाप के लिए बच्चे कोहिनूर हीरे के समान होते है। अगर उनके बच्चों को एक खरोच भी आती है तो पूरी दुनिया को सिर पर उठा ...
चंडीगढ़ः मां-बाप के लिए बच्चे कोहिनूर हीरे के समान होते है। अगर उनके बच्चों को एक खरोच भी आती है तो पूरी दुनिया को सिर पर उठा लेते है।
मां-बाप अपने बच्चे को एक पल के लिए भी जुदा नहीं होने देते लेकिन शिमला में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां कनाडा ने एक माता-पिता से 3 साल के बेटे को ही अलग कर दिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कनाडा के ओटावा में जाकर बसे दंपती अमन सूद और भावना बजाज को पता नहीं था कि यहां आकर उन्हें अपने बेटे दक्ष से अलग ही रहना पड़ेगा।
बताया जा रहा है कि कनाडा के नागरिकता एवं आव्रजन विभाग ने भावना बजाज की अर्जी को नामंजूर करते हुए याचिका दी है कि मैडीकल एग्जाम में जमा करवाए गए दस्तावेजों में उन्होंने बेटा होने की जानकारी नहीं दी थी।
जिसके जवाब में कनाडा के स्थार्इ निवासी बन चुके अमन और भावना ने कहा कि 2011 में कनाडा में स्थार्इ निवास के लिए आवेदन दिया था। उस समय भावना गर्भवती थीं और अर्जी में अनजाने में की गई गलती के आधार पर उन्हें अपने बेटे को साथ रखने से रोका नहीं जाना चाहिए।
इस बात पर आव्रजन विभाग ने दावा करते हुए कहा कि पिछले साल स्थार्इ निवास के लिए हुए इंटरव्यू में भावना ने कहा था कि बेटा अपने दादा-दादी के साथ भारत में ही रहेगा। दूसरी तरफ भावना का दावा है कि ऐसी बात कभी कर ही नहीं सकती। इसके साथ ही भावना ने कहा कि कभी एक मां नहीं चाहेगी कि उसका बेटा उससे अलग रहे।
फिलहाल बेटे दक्ष को अपने पास कनाडा बुलाने के लिए दंपती ने कनाडा सरकार से गुहार लगार्इ है कि वह नियमों में ढील कर मां-बाप के साथ रहने की मंजूरी दे दें।