खुलासा: कहने को तो काम बंद मगर बैक डोर से जारी

Edited By ,Updated: 19 Jan, 2015 02:45 AM

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हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेटें लगाने का काम कहने को तो प्रदेश सरकार की तरफ से पूर्ण रूप से बंद किया जा चुका है मगर अंदरखाते अभी भी जिले में नंबर प्लेटें लगाई जा रही हैं।

जालंधर (अमित): हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेटें लगाने का काम कहने को तो प्रदेश सरकार की तरफ से पूर्ण रूप से बंद किया जा चुका है मगर अंदरखाते अभी भी जिले में नंबर प्लेटें लगाई जा रही हैं। 
 
डी.टी.ओ. कार्यालय के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रोडवेज की वर्कशाप से बैक डोर (चोर रास्ते) का इस्तेमाल करके नंबर प्लेटें लगाने का काम अभी भी जारी है। जहां पर निजी कम्पनी द्वारा हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेटें फिट की जाती थीं वहां आगे के दरवाजे पर तो निजी कम्पनी के ताले के ऊपर डी.टी.ओ. आर.पी. सिंह ने अपना ताला लगाकर दफ्तर का कब्जा प्राप्त कर लिया था मगर इस दफ्तर के पिछली साइड एक दरवाजा है जहां पर लगे हुए ताले को निजी कम्पनी में काम करने वाले एक कर्मचारी ने तोड़कर अपना ताला लगा रखा है।
 
 उक्त कर्मचारी का फोन नंबर लगभग पूरे जिले के एजैंटों के पास पहले से ही मौजूद है। जैसे ही किसी एजैंट का फोन उक्त कर्मचारी के पास आता है वह एजैंट द्वारा बताए गए नंबर वाली नंबर प्लेट, जो कम्पनी के पास पहले से तैयार पड़ी हुई है, को बैक डोर का इस्तेमाल करके निकाल लेता है। सुबह तड़के या देर शाम को निकाली जाने वाली इन प्लेटों को शहर से बाहर नकोदर, शाहकोट, करतारपुर आदि इलाकों में जाकर लगाया जा रहा है ताकि आसानी से किसी को इस गोरखधंधे की जानकारी न लगने पाए। 
 
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस पूरे गोरखधंधे में निजी कम्पनी के कुछ कर्मचारियों के साथ शहर के बड़े एजैंट भी शामिल हैं। पैसों के लालच में चलाए जा रहे इस गोरखधंधे में पिछले 3-4 दिन में काफी मोटी कमाई की जा चुकी है। निजी कम्पनी के कर्मचारियों द्वारा चलाए जा रहे इस गोरखधंधे की जानकारी निजी कम्पनी को है या नहीं इसके बारे में फिलहाल कुछ कहना संभव नहीं है मगर जिस तरह से ठीक विभाग की नाक के नीचे इस गोरखधंधे को चलाया जा रहा है उसको देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि जो लोग इस काम को अंजाम दे रहे हैं उनके हौसले काफी बुलंद हैं। 
 
इन लोगों को न तो कानून का कोई डर है न ही इस काम के परिणाम की कोई चिन्ता है। गौर करने लायक है कि निजी कम्पनी के पास मौजूदा समय में हजारों की संख्या में नंबर प्लेटें तैयार पड़ी हुई हैं। इन नंबर प्लेटों के लिए सरकारी फीस रिसीव की जा चुकी है। इन नंबर प्लेटों को फिट करने के लिए निजी कम्पनी के ही पुराने फिटर एजैंटों की मदद कर रहे हैं। अगर समय रहते प्रशासन व परिवहन विभाग न चेता तो न जाने कितनी देर उक्त लालची लोग भोली-भाली जनता को लूटकर सरेआम कानून की धज्जियां उड़ाते रहेंगे।

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