Edited By ,Updated: 24 Jan, 2015 08:43 PM
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेटी और लेखिका दमन सिंह ने कहा कि उन्हें यह समझ नहीं आ रहा कि लोगों ने उनके पिता को आखिर क्यों ‘चुप्पी साधने वाले’ का लेबल चस्पां कर दिया।
कोलकाता: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेटी और लेखिका दमन सिंह ने कहा कि उन्हें यह समझ नहीं आ रहा कि लोगों ने उनके पिता को आखिर क्यों ‘चुप्पी साधने वाले’ का लेबल चस्पां कर दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों के दौरान मनमोहन ने ‘जो कुछ कहा’ उसका संग्रह सामने लाएंगी। यहां आयोजित टाटा स्टील कोलकाता साहित्यिक सम्मेलन में दमन सिंह ने अपनी किताब ‘स्ट्रिक्टली पर्सनल : मनमोहन एंड गुरुशरन’ पर खुलासा करते हुए कहा, ‘‘एक के बाद एक हो रही टिप्पणी में कहा जा रहा है ‘वे कैसे चुप्पी साधे रहने वाले आदमी थे।’ यह कुछ ऐसा है जिसे मैं वास्तव में पूरी तरह समझ नहीं पा रही हूं।’’
यह किताब 1930 से 2004 तक पूर्व प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी की यात्रा की तलाश करती है। अपने संग्रह के बारे में दमन ने कहा कि इसमें विषय के रूप में उनके (पिता के) -तत्काल ही कहे गए और तैयार कर दिए गए-दोनों तरह के भाषणों के साथ ही साथ मीडिया के साथ उनकी बातचीत के रिकार्ड को शामिल किया गया है।
उन्होंने बताया, ‘‘करीब 800 भाषण हैं जो करीब 5000 पृष्ठों में है। इसमें सभी प्रकार के अवसरों पर आनन-फानन में और तैयार कर दिए गए भाषण हैं। इसमें मीडिया के लोगों से 80 बार बातचीत की गई है जिसमें लोग अपनी मर्जी से उन्हें जो चाहे सो कहने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हैं।’’
दमन सिंह ने कहा, ‘‘इसमें भारत और विदेश दोनों तरह की भूमि पर सभी प्रकार के अवसरों पर दिए गए भाषण शामिल हैं। सभी सवालों के अभिलेख हैं तो सभी उत्तर का भी अभिलेख है।’’
अपने पिता का पक्ष लेते हुए उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह भारत में या विदेश यात्रा के दौरान मीडिया की ओर से पूछे गए सभी सवालों का जवाब दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं इस बिंदु को भी सामने लाउंगी कि मेरे पिता ने हर समय यात्रा की थी। उन्होंने हमेशा मीडिया से जुड़े लोगों को साथ लिया जो उनके साथ होते थे। उन्होंने सदैव कई संवाददाता सम्मेलन, चाहे जाने के दौरान या लौटने के साथ किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ईमानदारी से मैं वास्तव में नहीं समझ पा रही कि आखिर लोगों ने क्यों उन्हें चुप्पा का लेबल लगा दिया।’’