सूरत का हीरा बाजार 4 साल में हो जाएगा तैयार

Edited By ,Updated: 28 Jan, 2015 11:53 AM

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शुरूआती खींचतान के बाद आखिरकार सूरत डायमंड बोर्स (एसडीबी) का काम तेजी से चल रहा है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से उद्योग को जमीन आवंटित की जा चुकी है औ

अहमदाबादः शुरूआती खींचतान के बाद आखिरकार सूरत डायमंड बोर्स (एसडीबी) का काम तेजी से चल रहा है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से उद्योग को जमीन आवंटित की जा चुकी है और निर्माण कार्य के लिए ठेके कुछ ही समय में जारी किए जा सकते हैं। सूरत डायमंड बोर्स के लिए 31 सदस्यों की एक समिति बनाई गई है, जिसमें हीरा तराशने वाले उद्यमी और हीरा व्यापारी शामिल हैं। जल्द ही एसडीबी का शिलान्यास समारोह आयोजित किया जाएगा। इसे पूरा होने में करीब चार साल लग जाएंगे और तैयार होने के बाद यह मुंबई के भारत डायमंड बोर्स के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा डायमंड बोर्स होगा। इसमें करीब 1.25 लाख करोड़ रुपए का निवेश होने का अनुमान है। यह परियोजना 2000 एकड़ की महत्त्वाकांक्षी सूरत ड्रम सिटी परियोजना का ही अंग होगी, जिसे गुजरात इंटरनैशनल फाइनैंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है।

एसडीबी के एक सदस्य माथुरभाई सावनी ने बताया, ''अब तक करीब 12,000 हीरा व्यापारी इस परियोजना के लिए करार कर चुके हैं। करीब 100 एकड़ में फैले इस बोर्स में दफ्तरों के साथ ही ट्रेडिंग क्षेत्र भी होगा जो करीब 1.5 करोड़ वर्ग फुट में फैला होगा। राज्य सरकार की ओर से इसके लिए जमीन का आवंटन किया जा चुका है और फरवरी की शुरूआत में शिलान्यास की योजना बनाई जा रही है, जो गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के हाथों कराया जा सकता है। परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। हम जल्द ही बोर्स के निर्माण कार्य के लिए निविदा जारी करेंगे ताकि निर्माण संबंधी ठेके तेजी से दिए जा सकें।''

उद्योग सूत्रों ने बताया कि एसडीबी की कई दिग्गज निर्माण कंपनियों से बातचीत चल रही है। एसडीबी लार्सन ऐंड टुब्रो से भी बात कर रही है और निविदा जारी करने के तत्काल बाद इसका शिलान्यास किया जा सकता है। सूरत डायमंड एसोसिएशन (एसडीए) के सदस्यों के मुताबिक इस परियोजना का मकसद वैश्विक हीरा कारोबारियों को इस बोर्स में आकर्षित करना है, जिनमें पश्चिम एशिया के कारोबारी भी शामिल हैं। सूरत डायमंड बोर्स को हीरा एक्सचेंज के तौर पर स्थापित किया जाएगा, जो आकार में भारत डायमंड बोर्स जितना बड़ा होगा। हीरा प्रसंस्करण के मामले में देश का सबसे बड़ा ठिकाना सूरत विश्व-स्तरीय डायमंड बोर्स बनाने की कोशिश में जुटा है, जहां हीरे की खरीद-बिक्री की सुविधा ही नहीं होगी बल्कि उससे जुड़े सभी तरह के कारोबार भी एक ही छत के नीचे कराने का इंतजाम भी होगा।

सूरत डायमंड बोर्स के अगले 4 साल में बनकर तैयार होने का अनुमान है, जो सूरत ड्रीम सिटी का हिस्सा होगा और यहां सभी तरह की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिनमें होटल, अस्पताल और वित्तीय संस्थान शामिल हैं। इस बीच यह भी कहा जा रहा है कि राज्य सरकार का गुजरात बुनियादी ढांचा विकास बोर्ड (जीआईडीबी) सूरत ड्रीम सिटी के लिए एक विशेष मकसद वाली कंपनी (एसपीवी) का गठन करेगा। सूरत ड्रीम सिटी को 3 चरणों में विकसित करने की योजना है।

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