Edited By ,Updated: 28 Jan, 2015 05:34 PM
अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान हुए कुछ समझौतों से पाकिस्तान चिंतित है। पाक ने कहा है कि इन समझौतों के चलते क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ सकती है और
इस्लामाबाद: अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान हुए कुछ समझौतों से पाकिस्तान चिंतित है। पाक ने कहा है कि इन समझौतों के चलते क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ सकती है और कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उसने यह भी कहा कि उसे अपनी सुरक्षा संबंधी हितों का खयाल रखने का पूरा हक है। पाकिस्तान की यह प्रतिक्रिया भारत-अमरीका के बीच हुए परमाणु करार के सिलसिले में थी।
राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश मामलों में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज ने परमाणु आपूर्तिकर्त्ता देशों के समूह (एन.एस.जी.) में भारत के शामिल होने की कोशिशों का विरोध किया।
ओबामा के भारत से विदा होने के चंद घंटों के भीतर जारी एक लिखित बयान में अजीज ने कहा, "हमें अमरीका से उम्मीद है कि वह इस क्षेत्र में कुछ सकारात्मक कदम उठाएगा।" ओबामा ने कहा था कि भारत 48 सदस्यों वाली एन.एस.जी. का सदस्य बनने की योग्यता रखता है लेकिन अजीज ने कहा कि पाकिस्तान भारत को सदस्य बनाने के लिए एन.एस.जी. के नियमों में किसी तरह की ढील दिए जाने के सख्त खिलाफ है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान का यह बयान ओबामा की भारत यात्रा के दौरान दिए भाषणों और दोनों देशों के बीच हुए समझौतों पर आधारित है। अजीज ने कहा कि भारत और अमरीकी के बीच हुए समझौतों के दूरगामी परिणाम क्या होंगे इसका अध्ययन अभी किया जाना है। अजीज के बयान पर भारत-अमरीका न्युक्लियर डील, यू.एन. में भारत की स्थाई सदस्यता, न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में भारत की एंट्री और आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के रुख संबंधी भारत-अमरीकी रिश्तों की छाप साफ दिखाई देती है।