Edited By ,Updated: 29 Jan, 2015 11:19 AM
परम तपस्वी सिद्ध योगी बाबा केशव नाथ जी सैंकड़ों वर्ष पूर्व देवभूमि जालंधर में परम भक्तों एवं अनुयायियों सहित बस्ती पीरदाद में पधारे जहां कभी यहां वीरान जंगल था और तपस्या में लीन हो गए। उन्होंने
परम तपस्वी सिद्ध योगी बाबा केशव नाथ जी सैंकड़ों वर्ष पूर्व देवभूमि जालंधर में परम भक्तों एवं अनुयायियों सहित बस्ती पीरदाद में पधारे जहां कभी यहां वीरान जंगल था और तपस्या में लीन हो गए। उन्होंने अपने अनुयायियों तथा भक्तों को नजदीक शहर में बसने की आज्ञा प्रदान की। जिस स्थान पर वह बसे वह स्थान आज भी मोहल्ला महेंद्रू के नाम से विख्यात है। अधिकांश महेंद्रू एवं बाहरी बिरादरी के परिवार यहां निवास करते हैं।
बाबा जी की तपस्या स्थली पर आज भी हर साल माघ सुदी दसवीं वाले पावन दिवस को एक मेला लगता है। यहांं विशेष रूप से महेंद्रू-बाहरी बिरादरी के लोग बाबा जी का आशीर्वाद लेने आते हैं। ऐसा मानना है कि बाबा जी प्रत्यक्ष रूप से सर्प रूप में दर्शन देकर अपने प्रियजनों को आशीर्वाद देते रहते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
52 वर्ष पहले लिया गया इस पावन स्थली को सुंदर बनाने का संकल्प बाबा जी की कृपा एवं पूर्वजों के आशीर्वाद से आज महेंद्रू-बाहरी बिरादरी के कर्मठ कार्यकर्ताओं एवं अनुयायियों के सहयोग से सफलता की ओर बढ़ रहा है।
आज बाबा जी के पवित्र स्थान पर एक भव्य मंदिर रूप ले चुका है जिसमें पूर्व की ओर खुलता भव्य द्वार, साथ लगता विशाल हाल, एक तरफ देवाधिदेव भगवान शंकर जी का शिवालय, साथ लगता शनि जी महाराज का मंदिर, सिद्धयोगी साई बाबा जी का मंदिर एवं मां शीतला माता विराजमान हैं।
मंदिर परिसर में अनेक देव प्रतिमाओं के अलावा विशाल लंगर हाल है और सभा स्थल के बीचों-बीच केशव नाथ जी की पवित्र समाधि है। बाबा केशव नाथ सत्संग एवं लंगर हाल 70*50 फुट का निर्माण जारी है।
हजारों की तादाद में उनके अनुयायी बसंत के ठीक पांच दिन के बाद आने वाली दशमी को यहां नतमस्तक होते हैं और अपनी सुख-शांति समृद्धि के लिए कामना करते हैं।
परमसिद्ध श्री जियो सती माता जी-जब तक महेंद्रू-बाहरी बिरादरी की परम श्रद्धेय स्मरणीय सती जियो माता जी की महिमा का इस लेख में गुणगान न किया जाए तब तक यह लेख अधूरा ही रहता है। परम सिद्ध देवी अपने में एक परम तपस्विनी तथा प्रभु भक्तिनी थीं। इनका परम पवित्र समाधि स्थान बाहरियां, कपूरथला रोड, जालंधर शहर में ही है। महेंद्रू-बाहरी बिरादरी का कोई भी संस्कार तब तक पूर्ण नहीं माना जाता जब तक बिरादरी का सदस्य इस देवी सती के पवित्र चरणों में बैठ कर हाजिरी देकर आशीर्वाद न प्राप्त कर ले।
—दीपक महेंद्रू (छाया : मोहन कपूर)