Edited By ,Updated: 29 Jan, 2015 01:31 PM
शिअद-भाजपा गठबंधन में तेजी से बदल रहे अंदरूनी माहौल के बीच अब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अमृतसर में....
चंडीगढ़: शिअद-भाजपा गठबंधन में तेजी से बदल रहे अंदरूनी माहौल के बीच अब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अमृतसर में संभावित रैली की रंगत बदल सकती है।
पहले इस आयोजन से गठबंधन सहयोगी शिअद के नेताओं को दूर रखने की योजना थी, वहीं अब भाजपा बादल पिता-पुत्र को न्यौता देने पर विचार कर रही है।
चर्चा है कि दिल्ली चुनाव के बाद होने वाली रैली की तारीख तय होने के बाद शिअद से बात की जाएगी। रैली स्थगित होने से पहले मुख्यमंत्री बादल ने कहा था कि अगर 22 जनवरी की रैली में भाजपा उन्हें बुलाएगी तो जरूर जाएंगे। भाजपा सूत्रों की मानें तो पहले प्रस्तावित रैली से शिअद नेताओं को दूर रखने का मौखिक आदेश भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से ही आया था।
इसके पीछे कारण यह बताया गया था कि राज्य के लोगों में नशे के खिलाफ बहुत गुस्सा है। चूंकि शिअद के कुछ नेताओं का नाम नशा कारोबार में सीधा सामने आया है, तो इससे भाजपा के नशा विरोधी अभियान की छवि को बट्टा लगेगा। हालांकि, चंद ही दिनों में हुए राजनीतिक घटनाक्रमों ने इस विचार को धूमिल कर दिया है।
सूत्र की मानें तो राजनीतिक माहौल को भांपकर और कैप्टन अमरेंद्र सिंह की ललकार रैली को लेकर प्रदेश में छिड़ी चर्चा पर विचार के बाद भाजपा नेताओं ने मन बदल लिया है।
यही कारण है कि भाजपा प्रदेश नेतृत्व को अचानक शिअद व सरकार के खिलाफ बयानबाजी से रोक दिया गया। शिअद के शीर्ष नेता को पद्म विभूषण देने का ऐलान किया गया। संपर्क करने पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष कमल शर्मा ने कहा कि दिल्ली चुनाव के कारण अभी शाह की रैली का कोई प्रोग्राम तय नहीं है। प्रोग्राम तय होने के बाद ही बुलाए जाने वाले नेताओं के नामों पर विचार होगा।