छोटे से मंत्र का जाप दिलाएगा कालसर्प दोष से निजात

Edited By ,Updated: 30 Jan, 2015 08:36 AM

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जिस जातक की जन्म कुंडली में कालसर्प दोष हो उसका व्यवसाय, धन, परिवार, घर, संतान आदि प्रभावित होते हैं और उसका जीवन अशांत रहता है।

जिस जातक की जन्म कुंडली में कालसर्प दोष हो उसका व्यवसाय, धन, परिवार, घर, संतान आदि प्रभावित होते हैं और उसका जीवन अशांत रहता है। छाया ग्रह राहु केतु के अशुभ प्रभाव से कालसर्प दोष उत्पन्न होता है क्योंकि राहु का संबंध भारणी नक्षत्र से है और इसका स्वामी काल है। केतु का संबंध आश्लेशा नक्षत्र से है और इसका स्वामी सर्प है। इनके प्रभाव में आते ही काल सर्प दोष का आगमन होता है। 

*  रां राहवे नम: मंत्र का जाप कालसर्प दोष से निजात दिलाता है। यदि आपके लिए मंत्र जाप करना संभव न हो तो पीपल की प्रतिदिन 108 बार परिक्रमा करें। जिस दिन 28000 परिक्रमा पूर्ण हो जाएंगी उस दिन यह दोष समाप्त हो जाएगा।

* शिव पूजन के पाठ से अभिमंत्रित पवित्र जल से स्‍नान करने पर इस दोष का शमन होता है। 

* शिवालय में शि‍वलिंग पर तांबे अथवा पीतल का सर्प चढ़ाएं अथवा चांदी से बने नाग-नागिनी का जोड़ा चलते पानी में बहाएं। 

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