Edited By ,Updated: 29 Jan, 2015 02:08 PM
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 13वें वित्त आयोग द्वारा पंजाब की विशेष योजनाओं के लिए अनुमोदित 400 करोड़ रुपए पर रोक लगा दी है।
चंडीगढ़ः केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 13वें वित्त आयोग द्वारा पंजाब की विशेष योजनाओं के लिए अनुमोदित 400 करोड़ रुपए पर रोक लगा दी है। वित्त मंत्रालय ने पंजाब सरकार से राजकोषीय जिम्मेदारी बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) का लक्ष्य स्पष्ट करने को कहा है।
ये 400 करोड़ रुपए 700 करोड़ रुपए पर ब्याज छूट का हिस्सा है जो पंजाब को छोटी बचत योजनाओं के लिए दिया गया था। ये 700 करोड़ रुपए देश के सभी राज्यों को 13वें वित्त आयोग द्वारा स्वीकृत किया गया था। जबकि पंजाब वित्त विभाग सूत्रों का कहना है कि राज्य अपनी वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करता है इसलिए 300 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं।
केंद्र के इस कदम से राज्य सरकार में हड़बड़ी मच गई है इसलिए पंजाब के वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींढसा ने जेतली को पत्र लिखा है। सुत्रों अनुसार ढींढसा ने ये भी लिखा है कि ब्याज छूट के रूप में प्रोत्साहन लोक सभा द्वारा पारित किया गया था तथा इस राशि पर रोक लगाने का अर्थ लोकतांत्रिक निर्णय को नकारना है।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार को वित्तीय संकट से बाहर करने, धान की खरीद के लिए नकद ऋण सीमा की किश्तों पर रोक लगाने तथा एशियाई विकास बैंक से ऋण लेने के लिए गारंटी खड़ा करने के लिए मना करने पर शर्मिंदा होना पड़ा। सुत्रों का कहना है कि वित्त मंत्री अरुण जेतली का ये फैसला बादल सरकार के उन दावों से उलट है जिनमें कहा गया था कि एडडीए की सरकार अाने पर पंजाब को ट्रक भर-भर कर ग्रांटे अाएंगी।