पंजाब सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी हरियाणा सरकार

Edited By ,Updated: 29 Jan, 2015 02:20 PM

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एक महत्वपूर्ण कदम के तहत हरियाणा सरकार ने पंजाब की पूर्ववर्ती कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार द्वारा हरियाणा, राजस्थान और जम्मू कश्मीर के साथ हुई जल संधि

चंडीगढ़: एक महत्वपूर्ण कदम के तहत हरियाणा सरकार ने पंजाब की पूर्ववर्ती कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार द्वारा हरियाणा, राजस्थान और जम्मू कश्मीर के साथ हुई जल संधियों को निरस्त करने के फैसले को अमान्य करार देते हुए इसे अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला लिया है।

राज्य सरकार ने यह कदम सतलुज यमुना संपर्क, एसवाईएल, नहर का निर्माण पूरा कराने तथा इसके माध्यम से रावि व्यास नदियों में राज्य के हिस्से का 3.5 एमएएफ पानी हासिल करने के लिए व्यापक कानूनी सलाह एवं मश्विरा लेने के बाद उठाया है जिसके तहत वह अब सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर करेगी।

इसके अलावा वह एसवाईएल को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रपति संदर्भ की शीघ्र सुनवाई के लिए भी पैरवी करेगी। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 22 जुलाई 2004 को संविधान की अनुसूचि 143 के तहत राष्ट्रपति संदर्भ के माध्यम से पंजाब विधानसभा द्वारा जल समझौता निरस्तीकरण अधिनियम की वैधता को लेकर उच्चतम न्यायालय के विचार मांगे थे। इस पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में पांच न्यायाधीशों की खंडपीठ ने राष्ट्रपति संदर्भ मामले की दो अगस्त 2014 और 28 फरवरी 2005 को सुनवाई कर इसे अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्घ करने के आदेश दिए गए थे।

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