फांसी की सजा बदलने पर कोली की मां बोली, मेरा बेटा निर्दोष है

Edited By ,Updated: 29 Jan, 2015 03:52 PM

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इलाहाबाद हाईकोर्ट के निठारी हत्याकांड के आरोपी सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा आजीवन कारावास में बदलने के बाद कोली की मां कुंती देवी बेहद खुश हैं।

नई दिल्ली: इलाहाबाद हाईकोर्ट के निठारी हत्याकांड के आरोपी सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा आजीवन कारावास में बदलने के बाद कोली की मां कुंती देवी बेहद खुश हैं। कोली की मां ने कहा कि उनका बेटा निर्दोष है और उन हत्याओं में कोली के मालिक मोहिंदर सिंह पंढेर का हाथ है इसलिए मेरे बेटे को नहीं उन्हें फांसी होनी चाहिए। बताया जा रहा है कि जैसे ही कोहली की मां को हाईकोर्ट के फैसले की जानकारी मिली तो वह भगवान को धन्यवाद देने लगी। कोली की मां की तमन्ना कोली को पत्नी और बच्चों के साथ देखने की है। कोली की मां ने कहा कि मैं अब भी अपने बेटे को बेकसूर मानती हूं। मेरे बेटे को बलि का बकरा बनाकर पंढेर को इस तरह आजाद नहीं किया जा सकता। 
 
गौरतलब है कि इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दया याचिका पर फैसला करने में अत्यधिक देरी के आधार पर आज वर्ष 2006 के निठारी मामले के दोषी सुरेंद्र कोली की मौत की सजा घटाकर आजीवन कारावास में तब्दील कर दी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की खंडपीठ ने अपने निर्णय में कहा कि कोली की दया याचिका पर फैसले में च्अत्यधिक देरी को देखते हुए उसकी मौत की सजा पर अमल च्असंवैधानिक होगा। 
 
अदालत ने गैर सरकारी संगठन पीपुल्स यूनियन फार डेमोक्रेटिक राइट्स (पीयूडीआर) की जनहित याचिका पर यह फैसला सुनाया। इस संगठन ने दलील दी थी कि कोली की दया याचिका के निबटारे में तीन साल और तीन महीने का समय लगा और ऐसी स्थिति में उसकी मौत की सजा पर अमल संविधान के अनुच्छेद 21 में दिए गए जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन होगा।

 

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