Edited By ,Updated: 31 Jan, 2015 07:50 AM
प्रत्येक लड़की के जीवन में दो माताओं का प्रेम होता है एक जन्म देने वाली मां और दूसरी शादी के बाद पति की मां यानि सासू मां। मां अगर बचपन में हाथ पकड़ कर चलना सिखाती है तो सासू मां गृह- गृहस्थी की गाड़ी को कैसे सुचारू रूप से चलाना है उसकी बारीकीयां...
प्रत्येक लड़की के जीवन में दो माताओं का प्रेम होता है एक जन्म देने वाली मां और दूसरी शादी के बाद पति की मां यानि सासू मां। मां अगर बचपन में हाथ पकड़ कर चलना सिखाती है तो सासू मां गृह-गृहस्थी की गाड़ी को कैसे सुचारू रूप से चलाना है उसकी बारीकीयां सिखाती है। सासू मां का समझाना बहू को टोकाटोकी लगता है और यहीं से आरंभ होता है सास-बहू की नोंक-झोंक का सिलसिला जोकि सदियों से चला आ रहा है।
ज्योतिष की दृष्टि से सास और बहू के संबंध मधुर बनाने के कुछ उपाय
बहू के लिए उपाय
* मां का कारक चन्द्र ग्रह होता है। चन्द्र को मजबूत करने के लिए बहू जब भी पानी अथवा दूध पीए चांदी के गिलास में ही पीए।
* ''ऊॅ क्रां क्रीं क्रौं'' मन्त्र की हर रोज एक माला करने से दिलाएगा बहू को सास से मां सा प्यार।
सास के लिए उपाय
* बहू से प्रेम बढ़ाने के लिए सास अपने बैड पर मोरपंख सजाए।
* बुध मजबूत होगा तो बहू से प्रेम बढ़ेगा इसलिए हरे रंग के कंगन अथवा चूडियां पहनें।
सास बहू दोनों के लिए उपाय
* पूर्णिमा का उपवास रखने से दोनों का एक दूसरे के प्रति मोह बढ़ेगा।
* दोनों प्रात: और संध्या घर के मंदिर में कपूर से आरती करें और मुख्य द्वार पर कपूर जलाएं।