जापानी पत्रकार की रिहाई की समयसीमा खत्म, IS चुप

Edited By ,Updated: 30 Jan, 2015 05:45 PM

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इस्लामिक स्टेट के हाथों बंधक बनाए गए जापानी पत्रकार एवं जार्डन के सैन्य विमानचालक के साथ संभावित बंदी की अदलाबदली के नवीनतम कथित समयसीमा खत्म होने के एक दिन बाद बंधकों के परिवार तनाव में हैं

तोक्यो: इस्लामिक स्टेट के हाथों बंधक बनाए गए जापानी पत्रकार एवं जार्डन के सैन्य विमानचालक के साथ संभावित बंदी की अदलाबदली के नवीनतम कथित समयसीमा खत्म होने के एक दिन बाद बंधकों के परिवार तनाव में हैं जबकि आईएस इस प्रकरण पर चुप्पी साधे है। जार्डन सरकार ने कहा कि वह सजाए मौत का इंतजार कर रही अल-कायदा कर्मी को तभी रिहा करेगी जब उसे सबूत मिल जाए कि उसका वायुसेना कर्मी जिंदा है।  

उधर जापानी अधिकारियों ने कहा है कि ऐसी कोई प्रगति नहीं हुई जिसकी कोई रिपोर्ट की जा सके। सरकार के प्रवक्ता योशिहिदे सुगा ने संवाददाताओं को बताया, ‘ऐसा कुछ नहीं है जो आपको बता सकूं।’ सुगा ने दोहराया कि जापान को जार्डन पर ‘पक्का विश्वास’ है कि वह जापानी बंधक, फ्रीलांस पत्रकार केनजी गोतो को बचाने में मदद करेगा।  

इस बीच, गोतो की पत्नी रिंको जोगो ने फ्रीलांस पत्रकारों के लिए लंदन आधारित संगठन रोरी पेक ट्रस्ट के मार्फत जारी एक बयान में कहा, ‘मुझे डर है कि यह मेरे पति के लिए आखिरी मौका है और हमारे पास बस कुछ ही घंटे बचे हैं।’ उधर कथित रूप से जिहादियों की ओर से ऑनलाइन पोस्ट किए गए एक ऑडियो संदेश में कहा गया है कि अगर अलकायदा बंदी साजिदा अल-रिशावी इराकी समय से कल सूर्यास्त तक नहीं भेजी गई तो जार्डन के पाइलट लेफ्टिनेंट मुआस अल कासियासबह मार दिया जाएगा। 

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