टल सकती है पंजाब में बिजली दरों में बढ़ौतरी

Edited By ,Updated: 27 Feb, 2015 05:20 AM

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वैसे तो पंजाब में हर वर्ष सरकार लोगों पर बिजली के बिलों को लेकर बोझ बढ़ा देती है लेकिन इस बार संभव है कि पंजाब के लोगों की इस बोझ से जान छूट जाए।

जालंधर (पाहवा): वैसे तो पंजाब में हर वर्ष सरकार लोगों पर बिजली के बिलों को लेकर बोझ बढ़ा देती है लेकिन इस बार संभव है कि पंजाब के लोगों की इस बोझ से जान छूट जाए। कारण है दिल्ली चुनावों के परिणाम, जिनके बाद मोदी व पंजाब सरकार फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं। राज्य सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार सरकार चालू वित्त वर्ष में बिजली दरों में कोई भी बढ़ौतरी नहीं करने जा रही। 
 
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में जो बिजली की दरों में 50 प्रतिशत कटौती करने की घोषणा की है, उसे लेकर और कोई भयभीत हो न हो लेकिन पंजाब सरकार पर जरूर उसका असर हुआ है। आयोग ने 31 मार्च से पहले-पहले नई दरों की घोषणा करनी है तथा इस मामले में राज्य सरकार की दखलअंदाजी न के बराबर होगी। इसके बावजूद राज्य सरकार आयोग को दरें न बढ़ाने के लिए तैयार कर रही है। 
 
बेशक इस मामले को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है लेकिन राज्य सरकार से जुड़े सूत्रों का दावा है कि आने वाले समय में पंजाब में विधानसभा चुनावों को देखते हुए सरकार बिजली की दरों में 5 प्रतिशत तक की कटौती भी कर सकती है जिसके लिए राज्य सरकार अभी से भूमिका बनाने में जुट गई है।  
 
सूत्रों का कहना है कि राज्य की अकाली-भाजपा सरकार अगले 2 वर्षों में ऐसे किसी भी मसले से छेड़छाड़ नहीं करना चाहती जो सीधे तौर पर आम लोगों के साथ जुड़ा हुआ है। अगर राज्य सरकार बिजली की दरों में इस वर्ष बढ़ौतरी नहीं करती है तो सरकार पर वाॢषक 3 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। राज्य सरकार बिजली निगम पर 19 हजार करोड़ का उधार वहन कर रही है, जिसमें 3 हजार करोड़ रुपए की राशि और जुड़़ जाएगी। ऐसे में राज्य सरकार विरोधी दलों के भी घेरे में आ सकती है।

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