सिर कलम करने वाले जिहादी जॉन का हुआ पर्दाफाश

Edited By ,Updated: 27 Feb, 2015 12:09 PM

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हजारों लोगों का सिर कलम कर चुका खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस के 'जिहादी जॉन' का पर्दाफाश हो गया है। गुरूवार को इस जिहादी जॉन के असली नाम का खुलासा हो गया है।

लंदन: हजारों लोगों का सिर कलम कर चुका खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस के 'जिहादी जॉन' का पर्दाफाश हो गया है। गुरूवार को इस जिहादी जॉन के असली नाम का खुलासा हो गया है। कुवैत में जन्में इस ब्रिटिश नागरिक का नाम मोहम्मद एमवाजी है, जो पश्चिमी लंदन में रहता था। अमरीकी सरकार के दो सूत्रों ने पहचान की पुष्टि की है।

सुरक्षा कारणों से शुरूआत में उसका नाम सार्वजनिक नहीं किया गया था। एमवाजी की उम्र 27 साल है और वह पश्चिमी लंदन के क्वीन्स पार्क में रहता था। उसने वेस्टमिंस्टर यूनिवर्सिटी से कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग की पढ़ाई की थी।  माना जा रहा है कि आईएस में जाने के लिए उसने 2012 में ही सीरिया का रूख कर लिया था।

'डेली मेल' के मुताबिक, बचपन में किसी अन्य बच्चे की तरह मासूम दिखने वाला जिहादी जॉन इतना खूंखार बन जाएगा, शायद ही किसी ने सोचा होगा। खबर के मुताबिक, जिहादी जॉन को बचपन में अन्य बच्चों की तरह वीडियो गेम का शौक था और वह मार्शल आट्र्स का अभ्यास किया करता था।

पश्चिमी लंदन के क्वीन्स पार्क में रहने वाले 'जिहादी जॉन' के पड़ोसियों का कहना है कि वह काफी शांत और सभ्य लड़का था। चर्च ऑफ इंग्लैंड स्कूल में पढऩे वाला 'जिहादी जॉन' अपनी क्लास में एकमात्र मुस्लिम छात्र था। उसे फुटबॉल खेलने का शौक था और वह मैन्चेस्टर यूनाइटेड का फैन था। पॉप ग्रुप एस क्लब 7 के फैन जिहादी जॉन ने कभी कहा था कि वह फुटबॉल टीम में शामिल होगा।

जिहादी जॉन के बचपन की जो तस्वीर सामने आई है, उसमें वह दोस्तों के साथ ग्रूप फोटो में बैठा कैमरे को देखते हुए मुस्कुरा रहा है। जानकारी के मुताबिक, कुवैत में जन्मा एमवाजी अपने परिवार के साथ छह साल की उम्र में 1993 में ब्रिटेन आ गया था और यहां की जीवन शैली में रच-बस गया था। भले ही वह अपने माता-पिता के साथ मस्जिद जाता था और अरबी बोलता था, लेकिन उनका पहनावा हमेशा वेस्टर्न हुआ करता था।

जिहादी जॉन ने कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग की पढ़ाई की है। उसने वेस्टमिन्स्टर यूनिवर्सिटी से कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग की डिग्री ली है। 'जिहादी जॉन' से मिलने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने चैनल 4 न्यूज से दावा किया है कि वह सीरिया जाने वाली पहली खेप का हिस्सा था। माना जा रहा है कि खिताब-अल-मुहाजिरीन (माइग्रेंट्स ब्रिगेड) में गए 700 से ज्यादा विदेशी लड़ाके में वह भी शामिल था। बता दें कि यब वहीं आतंकी है जिसने पहली बार अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोले की हत्या कर वीडियों वायरल किया था। 

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