Edited By ,Updated: 28 Feb, 2015 10:26 AM
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हम विरासत में मिली पुरानी समस्याओं के समाधान की कोशिश कर रहे हैं।
नई दिल्ली. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हम विरासत में मिली पुरानी समस्याओं के समाधान की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार की तमाम कामयाबियां गिनाईं और विपक्षी दलों पर चुन-चुनकर हमला बोला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को सीधे निशाने पर लेते हुए कहा कि उनमें कुछ हो न हो, इतनी राजनीतिक सूझबूझ तो है कि वह सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली पार्टी की विफलता के जीते जागते स्मारक मनरेगा को बंद करने की गलती नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना मनरेगा को हाशिए पर डालकर उसे धीरे धीरे बंद करने की कांग्रेस की आलोचनाओं का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अक्सर लोग मेरी क्षमताओं को लेकर कहते हैं कि मोदी यह कर सकता है, ये नहीं कर सकता है, और कुछ हो न हो, मेरी राजनीतिक सूझबूझ तो है और वह सूझबूझ कहती है कि मनरेगा को बंद मत करो।
मैं ऐसी गलती नहीं कर सकता। मोदी ने कहा कि देश की आजादी के 60 साल बाद आपने लोगों को गढ्ढे खोदने और गढ्ढे भरने के काम में लगाया। इसलिए मनरेगा आन बान शान के साथ रहेगा और गाजे बाजे के साथ इसका ढोल बजाया जाएगा। यह एक विफलता का स्मारक है। सदन में सोनिया गांधी की उपस्थिति के बीच अपने व्यंग्य बाण जारी रखते हुए मोदी ने कहा कि लोगों को पता तो चले कि ऐसे खंडहर कौन खड़े करके गया है। इसके बाद बाद में सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकरार्जुन खडग़े ने मनरेगा पर मोदी की टिप्पणियों पर सख्त एतराज जताते हुए कहा कि मनरेगा जैसे कार्य का मजाक उड़ाया है। गरीबों का मजाक उड़ाया है। यह ठीक नहीं है।