Edited By ,Updated: 28 Feb, 2015 11:39 AM
आर्थिक तरक्की के लिए माहौल अच्छा हो गया है और इकोनॉमी का सबसे खराब दौर बीत चुका है, ये बात बजट में सामने अा गई है।
नई दिल्लीः आर्थिक तरक्की के लिए माहौल अच्छा हो गया है और इकोनॉमी का सबसे खराब दौर बीत चुका है, ये बात बजट में सामने अा गई है। वित्त वर्ष 2015 में देश की जीडीपी ग्रोथ 7.4 फीसदी रहेगी।
क्या है जीडीपी
आपमें से कई लोगों के मन में यह सवाल उठता होगा। लीजिए आपको बतातें है आखिर जीडीपी क्या होती है। कहां से आया इसका विचार। जीडीपी को सबसे पहले अमरीका के एक अर्थशास्त्री साइमन ने 1935-44 के दौरान इस्तेमाल किया था। इस शब्द को साइमन ने ही अमरीका को परिचय कराया था।
दौर वो था जब विश्व की बैंकिंग संस्थाएं आर्थिक विकास का अनुमान लगाने का काम संभाल रहीं थी उनमें से ज्यादातर को एक शब्द इसके लिए नहीं मिल पा रहा था। जब साइमन ने इस शब्द से अमेरिका की कांग्रेस में इस जीडीपी शब्द को परिभाषित करके दिखाया तो उसके बाद आईएमएफ यानी अंतरराष्ट्री मुद्रा कोष ने इस शब्द को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
क्या है यह ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) किसी भी देश की आर्थिक सेहत को मापने का पैमाना या जरिया है। आपको बता दें कि भारत में जीडीपी की गणना प्रत्येक तिमाही में की जाती है। जीडीपी का आंकड़ा अर्थव्यवस्था के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में उत्पादन की वृद्धि दर पर आधारित होता है। डीडीपी के तहत कृषि, उद्योग व सेवा तीन प्रमुख घटक आते हैं। इन क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ने या घटने के औसत के आधार पर जीडीपी दर तय होती है।