Edited By ,Updated: 28 Feb, 2015 05:16 PM
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने के लिए विभिन्न मोर्चों पर आगे बढ़ रही है
नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने के लिए विभिन्न मोर्चों पर आगे बढ़ रही है और इसके तहत शिक्षा उपकर तथा माध्यमिक उच्च शिक्षा उपकर को केंद्रीय उत्पाद शुल्क में समाहित करने का प्रस्ताव है। संसद में पेश 2015-16 के बजट में जेटली ने कहा, ‘‘आधुनिक अप्रत्यक्ष कर प्रणाली जीएसटी एक अप्रैल 2016 से अमल में आएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी की दिशा में कदम बढ़ाते हुए मैं शिक्षा उपकर तथा माध्यमिक और उच्च शिक्षा उपकर को केंद्रीय उत्पाद शुल्क में समाहित करने का प्रस्ताव करता हूं। इससे उपकर समेत केंद्रीय उत्पाद शुल्क की मुख्य दर 12.36 प्रतिशत हो जाती है जिसे सीधे रूप से 12.5 प्रतिशत किए जाने का प्रस्ताव है।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार के पहले पूर्ण बजट का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं के लिये ज्यादा-से-ज्यादा रोजगार सृजित करने के लिए देश को वृद्धि और निवेश को गति देने हेतु अनुकूल कर नीति की जरूरत है।
क्या है जीएसटी
जीएसटी का पूरा नाम है गुड्स एंड सर्विस टैक्स। ये एक अप्रत्यक्ष कर है यानी ऐसा कर जो सीधे-सीधे ग्राहकों से नहीं वसूला जाता लेकिन जिसकी कीमत अंत में ग्राहक की जेब से ही जाती है। अप्रैल 2016 यानी अगले वित्तीय वर्ष से जीएसटी को लागू होना है। इसे आजादी के बाद सबसे बड़ा टैक्स सुधार कदम कहा जा रहा है। जीएसटी लागू होने के बाद दूसरे कई तरह के टैक्स समाप्त हो जाएंगे और उसकी जगह सिर्फ जीएसटी लगेगा।