Edited By ,Updated: 01 Mar, 2015 09:42 AM
मोदी सरकार भले की आम बजट को लेकर बहुत आशावादी हो लेकिन एक कड़वी सच्चाई यह है इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला है।
नई दिल्लीः मोदी सरकार भले की आम बजट को लेकर बहुत आशावादी हो लेकिन एक कड़वी सच्चाई यह है इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला है। सर्विस टैक्स में इजाफे ने रेस्टोरेंट से लेकर मोबाइल बिल तक को महंगा कर दिया है। वहीं कोयला, लिग्नाइट और पीट पर स्वच्छ ऊर्जा उपकर को 100 प्रति टन से बढ़ाकर 300 प्रति टन किया जा रहा है। स्वच्छ ऊर्जा उपकर के प्रभावी दर 100 प्रति टन से बढ़ाकर 200 प्रति टन कर दिए गए हैं। यानी इसका असर बिजली दरों पर पड़ सकता है।
क्या होगा असर
स्वच्छ ऊर्जा उपकर की दर में बढ़ौतरी प्रोविजनल कलेक्शन ऑफ टैक्सेज एक्ट 1931 के तहत एक घोषणा के तुंरत बाद प्रभाव में आ जाएगा। यानी जिन कोयले से ग्रीन हाउस गैस का निर्माण होता है, उस पर स्वच्छ ऊर्जा उपकर 100 रुपए से बढ़ाकर 200 रुपए प्रति टन कर दिया गया है। इस राशि केजरिए स्वच्छ पर्यावरण की योजनाओं को आर्थिक मदद मुहैया कराई जाएगी। इस उपकर के दायरे में भारत में खनन किए गए कोयले के साथ आयात किए गए कोयले भी आएंगे। नतीजतन बिजली की दरों में चार-छह पैसे प्रति यूनिट की बढ़ौतरी हो सकती है।