पी.डी.पी.-भाजपा का गठबंधन बनाम उत्तर और दक्षिण का मिलन

Edited By ,Updated: 02 Mar, 2015 01:56 AM

article

‘चुतस्पा’ हिब्रू भाषा का एक यहूदी शब्द है। इसका अर्थ ‘बहादुरी’ या आधुनिक अंग्रेजी में ‘दिलेरी के स्तर’ से है। बेशक पारम्परिक रूप से इस शब्द का इस्तेमाल नकारात्मक ढंग में होता था, इन दिनों यह बहादुरी ...

‘चुतस्पा’ हिब्रू भाषा का एक यहूदी शब्द है। इसका अर्थ ‘बहादुरी’ या आधुनिक अंग्रेजी में ‘दिलेरी के स्तर’ से है। बेशक पारम्परिक रूप से इस शब्द का इस्तेमाल नकारात्मक ढंग में होता था, इन दिनों यह बहादुरी के नाटकीय रूप के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा है। 2014 को कश्मीर पर बनी फिल्म ‘हैदर’ में इसका प्रयोग ‘अफस्पा’ कानून के साथ जोड़ कर तुकबंदी के रूप में किया गया था।

अब जबकि जम्मू-कश्मीर में पी.डी.पी.-भाजपा की नई सरकार का गठन हो गया है तो इन दोनों शब्दों अफस्पा तथा चुतस्पा की इसमें अहम भूमिका है। भाजपा के साथ गठबंधन करने में मुफ्ती मोहम्मद सईद ने बहादुरी का सकारात्मक पक्ष प्रदर्शित किया है।

एक वर्ष पूर्व कट्टर दुश्मन समझी जाने वाली इन पार्टियों के मध्य कोई ऐसा समझौता सोचा भी नहीं जा सकता था। जैसा कि मुफ्ती कहते हैं कि यह ‘उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव’ को मिलाने के समान है।

इस समझौते में 2 महीने तथा 19 दौर की वार्ता हुई। वार्ता स्थल भी बदलते रहे-कभी मुम्बई, दिल्ली, जम्मू तो कभी श्रीनगर में बातचीत हुई। मुख्य वार्ताकारों में भाजपा की तरफ से आर.एस.एस. के राम माधव, अरुण जेतली तथा निर्मल सिंह (जम्मू-कश्मीर यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफैसर तथा पार्टी के राज्य प्रमुख) शामिल थे। वहीं पी.डी.पी. की तरफ से वार्ता में मुफ्ती तथा महबूबा सईद के अलावा हासेब दरबार (जे.एन.यू. से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट और 2010 तक जे.एंड के. बैंक के चेयरमैन) शामिल थे।

लगता है कि एक तरह से यह जम्मू-कश्मीर में जनता की इच्छा की जीत है क्योंकि वे पी.डी.पी. को 28 तथा भाजपा को 24 सीटों पर विजय दिलाते हुए दो बिल्कुल भिन्न मत वाली पार्टियों को एक साथ लाए थे। अत्यधिक भिन्न नीतियों तथा फिलास्फी वाली दोनों पाॢटयों का एक साथ आना ही अपने आप में ऐतिहासिक है। शायद यह पहला मौका है जब भाजपा को राज्य में उपमुख्यमंत्री का पद मिला है और इसकी इस बात के लिए प्रशंसा करनी होगी कि इसने क्रमवार मुख्यमंत्री पद की मांग नहीं की।

हालांकि दोनों पार्टियों के बीच धारा-370 और जम्मू-कश्मीर से अफस्पा को हटाने जैसे मुद्दों पर मतभेद हैं परन्तु दोनों दलों द्वारा घोषित न्यूनतम सांझा कार्यक्रम की घोषणा की गई है, उसमें बहुत-सी चीजें सामने नहीं आई हैं। जैसा कि मुफ्ती मोहम्मद सईद ने नरेन्द्र मोदी से भेंट करने के बाद कहा है कि यह राजनीतिक एवं गवर्नैंस दोनों ही मुद्दों का एक गठबंधन है।

हालांकि यह देखना अभी बाकी है कि संघ परिवार के विहिप सहित अन्य सदस्यों की इस संबंध में प्रतिक्रिया क्या होती है क्योंकि अभी तक वे श्रीनगर में अफस्पा लागू रखने का यह कह कर समर्थन करते आए हैं कि सेना, बी.एस.एफ. और सी.आर.पी.एफ. के लिए  जम्मू-कश्मीर में काम करने के लिए यह आवश्यक है और यदि इसे एक बार वापस ले लिया गया तो पुन: लागू करना कठिन होगा। चूंकि राज्य में पाकिस्तान के साथ छद्म युद्ध की स्थिति है, इसलिए अफस्पा हटाना तो दूर इसमें ढील देना भी उचित नहीं है।

दूसरी ओर राजनीतिक विचारकों का मानना है कि चूंकि जम्मू-कश्मीर में 25 वर्षों से लागू होने के कारण इसके कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आ रहे अत: लोगों के साथ सम्पर्क तथा राज्य में आॢथक विकास से ही वहां स्थितियों में सुधार आ पाएगा। यहां उल्लेखनीय है कि अंग्रेजों द्वारा 1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ को कुचलने के लिए अफस्पा अस्तित्व में लाया गया था और बाद में इसका इस्तेमाल पूर्वी बंगाल में विभाजन के दौरान किया गया और जिस किसी राज्य में भी यह बहुत लम्बे समय तक लागू रहा है वहां इसका कोई विशेष लाभ नहीं हुआ है।

असम, मणिपुर, मिजोरम में, जहां यह पहली बार 1958 में लागू किया गया था, कानून-व्यवस्था सुधारने में इससे कोई लाभ नहीं पहुंचा है। पंजाब में इसे 1983 में  लागू किया गया था और 14 वर्ष बाद इसे समाप्त कर दिया गया था। यहां राजनीतिक प्रणाली के लोकतांत्रिक ढंग से काम करने के कारण अफस्पा लागू करने का लाभ भी हुआ।

हालांकि हुर्रियत और पाकिस्तान को एजैंडे में लाने की पी.डी.पी. की कोशिश है। वह इस बात की भी इच्छुक है कि 4 में से शेष 2 विद्युत स्टेशन भी भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को वापस किए जाएं। भाजपा ने रंगराजन समिति की सिफारिशों के अनुसार इस पर विचार करने की सहमति भी दी है, इसके बावजूद बहुत कुछ सुलझाना बाकी है। शायद इसका एकमात्र उपाय मामले सुलझाने के लिए लोकतांत्रिक विधि से वार्ता करना ही है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!