अब आप नहीं खरीद पाएंगे अपना मनपसंद फोन

Edited By ,Updated: 02 Mar, 2015 03:51 PM

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आम बजट में इंपोर्टेड हैंडसेट्स पर ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान होने से लावा, कार्बन और इंटेक्स जैसे स्मार्टफोन वेंडर्स अपने प्रॉडक्ट्स की कीमत बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं।

नई दिल्लीः आम बजट में इंपोर्टेड हैंडसेट्स पर ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान होने से लावा, कार्बन और इंटेक्स जैसे स्मार्टफोन वेंडर्स अपने प्रॉडक्ट्स की कीमत बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं। ये कंपनियां अभी बड़े पैमाने पर फोन इंपोर्ट कर इंडिया में बेचती हैं। 
 
फाइनैंस मिनिस्टर ने बजट में मोबाइल हैंडसेट्स पर एक्साइज ड्यूटी 6% से बढ़ाकर 12.5% करने का प्रस्ताव किया है। वैसे यह बढ़ोतरी सिर्फ उन्हीं वेंडर्स पर लागू होगी, जो सेंट्रल वैल्यू ऐडेड टैक्स (सेनवैट) क्रेडिट लेती हैं। जो कंपनियां सेनवैट क्रेडिट नहीं लेतीं, उनके लिए ड्यूटी पहले की तरह 1% ही रहेगी। 
 
हैंडसेट इंपोर्ट करते वक्त कंपनियां सेनवैट क्रेडिट से एक्साइज ड्यूटी का शुल्क चुकाती हैं। इस इजाफे के बाद इंपोर्टेड और देश में मैन्युफैक्चर्ड हैंडसेट के बीच ड्यूटी का फर्क 5% से बढ़कर 11.5% हो गया। टैक्स स्ट्रक्चर में इस बदलाव का मकसद लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है।
 
माइक्रोमैक्स के एक प्रवक्ता ने कहा कि ड्यूटी में इस बड़ी बढ़ोतरी का 'कॉस्ट पर शॉर्ट टर्म असर होगा।' वैसे माइक्रोमैक्स पहले ही इंडिया में कुछ हद तक मैन्युफैक्चरिंग शुरू कर चुकी है। वहीं, कुछ दूसरी घरेलू कंपनियां भी ऐसा करने की तैयारी में हैं। माइक्रोमैक्स इंडिया बेस्ड नंबर वन और लोकल मार्केट की नंबर 2 कंपनी है। 
 
इंटेक्स और लावा अपने हैंडसेट्स की कीमतों में 5% तक इजाफा करेंगी। वहीं, कार्बन ने कहा कि वह 6-7% तक बढ़ोतरी कर सकती है। ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस ने कहा कि कीमतें बढ़ने की वजह से फीचर फोन छोड़कर स्मार्टफोन यूज करने वाले लोगों की तादाद धीमी पड़ेगी। 
 
कोरियाई कंपनी और मार्केट लीडर सैमसंग शायद ही दाम बढ़ाए क्योंकि स्मार्टफोन सहित इसके 90% फोन्स की मैन्युफैक्चरिंग इंडिया में ही होती है। सैमसंग इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रेजिडेंट और चीफ एग्जेक्युटिव ह्यूआन चिल हॉन्ग ने कहा, 'नया टैक्स स्ट्रक्चर हमें मेक इन इंडिया को अगले लेवल तक ले जाने के लिए प्रोत्साहित करता है।' 
 
चीन की टॉप वेंडर श्याओमी और इंडिया में पॉप्युलर जापानी कंपनी सोनी ने इस मामले में कुछ नहीं कहा है। ऐनालिस्ट्स का कहना है कि टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव से इंडिया में इंपोर्टेड हैंडसेट्स की कॉस्ट 4-5% तक बढ़ेगी। इस बात के पूरे आसार हैं कि कंपनियां बढ़ी हुई लागत का पूरा बोझ कंज्यूमर्स पर डालेंगी। 
 
आईडीसी के मुताबिक इंडिया में 6.43 करोड़ डिवाइस इंपोर्ट होते हैं और इनमें लावा, माइक्रोमैक्स, इंटेक्स और कार्बन जैसी हैंडसेट कंपनियों की बड़ी हिस्सेदारी है। इंटेक्स टेक्नॉलजीज़ के मोबाइल बिजनेस के हेड संजय कुमार कालीरोना ने कहा कि एक्साइज ड्यूटी से 7% तक कीमतें बढ़ेंगी, लेकिन अभी कोई आंकड़ा बताना मुश्किल है।
 

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