Edited By ,Updated: 03 Mar, 2015 03:32 AM
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में मिले खंडित जनादेश के बाद जारी राजनीतिक अस्थिरता रविवार को खत्म हो गई, लेकिन पी.डी.पी. की बयानबाजी के कारण 2 दिनों में ही घाटी की राजनीति गर्म हो गई है।
जम्मू: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में मिले खंडित जनादेश के बाद जारी राजनीतिक अस्थिरता रविवार को खत्म हो गई, लेकिन पी.डी.पी. की बयानबाजी के कारण 2 दिनों में ही घाटी की राजनीति गर्म हो गई है। पी.डी.पी. विधायक राजा मंजूर अहमद, मोहम्मद अब्बास वानी, यावर दिलावर वीर, एडवोकेट मोहम्मद यूसुफ, एजाज अहमद मीर और नूर मोहम्मद शेख ने संसद पर हमले में दोषी करार दिए जाने के बाद फांसी पर लटकाए गए आतंकी अफजल गुरु के शव (यानी अवशेषों) को जल्द परिवार को सौंपने की मांग की।
अफजल गुरु कश्मीर का ही रहने वाला था। पी.डी.पी. के इन विधायकों का कहना है कि अफजल गुरु की फांसी असंवैधानिक थी। उन्होंने इस फांसी को इंसाफ के साथ मजाक करार दिया। उधर नैकां ने पी.डी.पी. पर सनसनी फैलाने का आरोप लगाया है। वहीं सपा नेता मोहम्मद आजम खां ने भी अफजल गुरु की फांसी पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी अफजल गुरु को फांसी देना उचित नहीं था। मामले की सुनवाई के दौरान पाया गया था कि उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं फिर भी अफजल गुरु को फांसी जनभावनाओं को ध्यान में रखकर दी गई थी।