Edited By ,Updated: 04 Mar, 2015 03:00 AM
राज्यसभा में आज सरकार को उस समय जबरदस्त झटका लगा जब राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को विपक्ष के संशोधन को स्वीकार करते हुए पारित किया गया। ...
नई दिल्ली (एजैंसियां): राज्यसभा में आज सरकार को उस समय जबरदस्त झटका लगा जब राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को विपक्ष के संशोधन को स्वीकार करते हुए पारित किया गया। संसदीय इतिहास में संभवत: यह पहला मौका है जब राष्ट्रपति के अभिभाषण में संशोधन के प्रस्ताव पर मत विभाजन की नौबत आई और उसके मंजूर होने से सरकार को मुंह की खानी पड़ी।
अभिभाषण पर लगभग 14 घंटे चली चर्चा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जवाब के बाद धन्यवाद प्रस्ताव को पारित करने की प्रक्रिया शुरू हुई तो मोदी सदन से उठकर चले गए। सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी ने धन्यवाद प्रस्ताव पर सदस्यों से उनके संशोधनों के बारे में पूछा।
इस पर कई सदस्यों ने अपने संशोधन वापस ले लिए लेकिन माक्र्सवादी पार्टी के सीताराम येचुरी अपने संशोधन प्रस्ताव को लेकर अड़ गए। उन्होंने 233 नम्बर के संशोधन पर मत विभाजन की मांग कर डाली तो संसदीय कार्य मंत्री एम. वैंकेया नायडू ने उनसे अपने संशोधन को वापस लेने का अनुरोध किया लेकिन येचुरी नहीं माने और मत विभाजन में यह संशोधन 57 के मुकाबले 118 मतों से स्वीकार कर लिया गया। यह संशोधन भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और काला धन वापस लाने से संबंधित था।