Edited By ,Updated: 05 Mar, 2015 08:13 AM
नवग्रहों का मानव जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है या यूं कहा जाए नवग्रहों की चाल के साथ ही जीवन के उतार-चढ़ाव निश्चिंत किए जाते हैं। पूजा में नवग्रहों की पूजा प्रायः
नवग्रहों का मानव जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है या यूं कहा जाए नवग्रहों की चाल के साथ ही जीवन के उतार-चढ़ाव निश्चिंत किए जाते हैं। पूजा में नवग्रहों की पूजा प्रायः नवग्रहों की शांति के लिए की जाती है। साधक अपनी साधना श्री गणेश और नवग्रह पूजन व साधना से ही आरंभ करते हैं, फिर निश्चिंत होकर आगे चलते जाते हैं।
परम्परागत रूप में ज्योतिषीय आधार में नवग्रह माने गये हैं, सात दिनों पर आधारित सात ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि और दो छाया है। ज्योतिष में ग्रहों की शांति के अनेक सिद्दांत प्रचिलित है जैसे मंत्र - तंत्र - यन्त्र , टोटके , दान - पुण्य, रंग और अनेक प्रकार के कर्मकांडो के माध्यम से नव गृह की शांति की जाती है। होली की रात नवग्रह शांति के लिए निम्न मंत्र का जाप स्फटिक की माला से करें।
मंत्र- ब्रह्मा मुरारी स्त्रीपुरान्तकारी भानु शशि भूमि-सुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव: सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।।