Edited By ,Updated: 04 Mar, 2015 08:43 PM
आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे काफी समय से लंबित बीमा विधि संशोधन विधेयक 2015 को लोकसभा ने आज अपनी मंजूरी दे दी।
नई दिल्ली: आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे काफी समय से लंबित बीमा विधि संशोधन विधेयक 2015 को लोकसभा ने आज अपनी मंजूरी दे दी। यह विधेयक इस संबंध में लाए गए अध्यादेश का स्थान लेगा। राज्यसभा में हालांकि इसे सहमति मिलने पर कठिनाई हो सकती है, इसलिए सरकार ने इसे संसद से पारित कराने के लिए दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाने के संकेत दिए हैं।
राज्यसभा में भाजपा और उसके सहयोगियों को मिलाकर भी बहुमत नहीं है और कांग्रेस ने कहा है कि विधेयक को जिस तरह लोकसभा में लाया गया और पारित कराया गया है वह उसके खिलाफ है। लोकसभा से विधेयक के पारित होने के बाद वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा कि अगर राज्यसभा में विधेयक पारित नहीं हो पाता है तो सरकार के पास संसद का संयुक्त अधिवेशन बुलाने के विकल्प है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्यसभा में कांग्रेस इसे समर्थन देगी। वर्ष 2008 में मूल विधेयक को लाने वाली कांग्रेस ने उच्च सदन में इसे समर्थन देने का वायदा नहीं किया है। कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने संवाददाताओं से कह कि उनकी पार्टी विधेयक से खिलाफ नहीं है लेकिन इसे लोकसभा में जिस तरह लाकर पारित कराया गया है, वह उस तरीके के विरूद्ध है। किसी विधेयक को एक सदन द्वारा पारित करने और दूसरे द्वारा खारिज किए जाने की स्थिति में उसे पारित कराने के प्रयास में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाई जा सकती है।