यहां सभी भाई करते हैं एक युवती से शादी, शादी के बाद कैसे चलता है रिश्ता : जाने

Edited By ,Updated: 05 Mar, 2015 12:23 AM

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देश में शादी को लेकर विभिन्न-विभिन्न रीति-रिवाज हैं। देश के सभी राज्यों में अलग-अलग तरीके से शादियों में जश्न होता है। लेकिन भारत देश के एक राज्य हिमाचल प्रदेश में शादी का सबसे अलग रिवाज है।

जालंधर. देश में शादी को लेकर विभिन्न-विभिन्न रीति-रिवाज हैं। देश के सभी राज्यों में अलग-अलग तरीके से शादियों में जश्न होता है। लेकिन भारत देश के एक राज्य हिमाचल प्रदेश में शादी का सबसे अलग रिवाज है। वैसे हिमाचल प्रदेश की हर प्रथा निराली है। हर गांव, शहर में एक नई प्रथा देखने को मिल ही जाती है। प्रदेश के एक जिला किन्नौर में शादी को लेकर सबसे अलग रिवाज है। यहां सभी भाई एक साथ मिलकर एक लड़की से शादी करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि महाभारत काल के दौरान किन्नौर जिले में पांडवों ने सर्दियों के दौरान एक गुफा में पत्नी द्रोपदी और अपनी मां कुंती के साथ अज्ञातवास के कुछ साल बिताए थे। जिसका संबंध आज भी यहां देखने का मिलता है। इस प्रथा को यहां की भाषा में घोटुल प्रथा कहते हैं। 
 
सभी भाई करते हैं एक से शादी
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में आज भी बहु पति विवाह किए जाते हैं। यहां रहने वाले परिवारों में महिलाओं के कई पति होते हैं। ऐसा नहीं है कि ये पति अलग-अलग परिवारों के हो, महिला के पति एक ही घर के होते हैं। घर की एक ही छत के नीचे रहने वाले परिवार के सभी भाई एक ही युवती से परंपरा के अनुसार शादी करते हैं और विवाहित जीवन जीते हैं। अगर किसी महिला के कई पतियों में से किसी एक की मौत भी हो जाए तो भी महिला को दुख नहीं मनाने दिया जाता है। 
 
टोपी पर जीवन निर्भर
इनका शादी के बाद का विवाहित जीवन एक टोपी पर निर्भर करता है। मान लीजिए जैसे किसी परिवार में चार भाई है और सभी का विवाह एक ही महिला से हुआ है। शादी के बाद अगर कोई भाई अपनी पत्नी के साथ कमरे में हैं तो वह कमरे के दरबाजे पर अपनी टोपी रख देता है। भाइयों में मान मर्यादा इतनी रहती है कि जब तक टोपी कमरे के दरवाजे पर रखी है कोई दूसरा भाई उसमें नहीं घुसता। 
 
महिला घर की होती है मुखिया
किन्नौर में विवाह की परंपरा भी अजीब ढंग से निभाई जाती है। जब किसी युवती की शादी होती है तो लड़की के परिवार वाले लड़के के परिवार के बारे में पूरी जानकारी लेते हैं। विवाह में सभी भाई दूल्हे के रूप में सम्मिलित होते हैं। यहां की एक खास बात ये है कि यहां पुरुष नहीं बल्कि महिलाएं घर की मुखिया होती हैं। इनका काम होता है पति व संतानों की सही ढंग से देखभाल करना। परिवार की सबसे बड़ी स्त्री को गोयने कहा जाता है। उसके सबसे बड़े पति को गोर्तेस, कहते हैं यानी घर का स्वामी। यहां की एक और बात खास होती है वह यह कि यहां खाने के साथ शराब अनिवार्य होती है। यदि पुरुषों का मन दुखी होता है तो यह शराब और तम्बाकू का सेवन करते हैं, वहीं जब महिलाओं को किसी बात को लेकर दु:ख होता है तो वह गीत गाती हैं।
 
ऐसा क्यों किया जाता 
माना जाता है कि पांडव ही ऐसे भाई थे, जिन्होंने मिलकर एक महिला से शादी की थी, इसके बाद ऐसा कही सुनने को नहीं मिला। लेकिन किन्नौर जिला ऐसा हैं, जहां इस प्रथा को आज भी संभाल कर रखा हुआ है। एक परिवार में चाहे कितने ही भाई हों, सभी मिलकर एक ही लड़की से शादी करते हैं। इतना ही नहीं बल्कि शादी के बाद लड़की भी सभी भाईयों को समान रूप से अपना पति मानती हैं। यहां के निवासी इस परंपरा का संबंध पांडवो के अज्ञातवास से जोड़ते हैं। उनका कहना है कि पांडवों ने यहां अपना अज्ञातवास काटा था जिसके चलते ये लोग उन्हें आज भी उन्हें फोलो करते हैं।

 

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