इस मंदिर में गुरू गोबिंद सिंह जी को देवी मां ने दिए थे साक्षात दर्शन! (PICS)

Edited By ,Updated: 26 Mar, 2015 04:07 PM

article

देव भूमि कहलाए जाने वाले हिमाचल प्रदेश में कई भव्य, सुंदर और कलात्मक मंदिर हैं। इन मंदिरों में वर्ष भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।

बिलासपुर: देव भूमि कहलाए जाने वाले हिमाचल प्रदेश में कई भव्य, सुंदर और कलात्मक मंदिर हैं। इन मंदिरों में वर्ष भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। हिन्दू-सिखों का प्रसिद्ध सांझा मंदिर नयना देवी भी हिमाचल में ही है। इस मंदिर में आजकल नवरात्रों पर पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और स्थानीय लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है।

बताया जाता है कि इस देवी मां के मंदिर में सिखों की भी गहरी आस्था जुड़ी है, चूंकि इस मंदिर में गुरू गोबिंद सिंह जी ने एक साल से ज्यादा समय बिताया था और देवी मां ने उन्हें साक्षात दर्शन दिए थे।

देवी मां ने गुरू गोबिंद सिंह जी को भेंट की थी तलवार

बताया जाता है कि नयना देवी हिन्दू-सिखों का सांझा तीर्थ स्थान है। वहीं मंदिर के पुजारी का कहना है कि माता नयना देवी के मंदिर में श्रावण अष्टमी के मेले में साठ फीसदी सिख आते हैं। सिखों के दसवें गुरू गोबिंद सिंह ने माता नयना देवी के मंदिर में तपस्या की थी और एक साल से अधिक समय तक मंदिर के हवन कुंड में हवन किया था, तो मां भवानी ने स्वयं प्रकट होकर उन्हें आशीर्वाद दिया था। इतना ही नहीं  मां भवानी ने उन्हें प्रसाद के रूप में तलवार भी भेंट की थी। माना जाता है कि गुरू गोबिंद सिंह जी को देवी मां ने वरदान दिया था कि तुम्हारी विजय होगी और इस धरती पर तुम्हारा पंथ सदैव चलता रहेगा। 

नैना गुर्जर ने ढूंढी थी मां नयना देवी की पिंडी

उत्तर भारत की प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता नयना देवी हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर में स्थित है। बताया जाता है कि नयना देवी को लेकर प्रचलित जनश्रुति के अनुसार वर्तमान में जहां नयना देवी का मंदिर बना है। उस पहाड़ी के समीप कुछ गुर्जर रहते थे। उनमें से एक यहां नैना नाम का गुर्जर रहता था वह देवी का परम भक्त था। वह अकसर अपनी गाय, भैंस चराने के लिए इस पहाड़ी पर आया करता था। मंदिर के साथ जो पीपल का पेड़ है उसके नीचे नैना गुर्जर की एक कुंवारी गाय खड़ी हो जाती था और उसके थनों से अपने आप दूध टपकने लगता था।

नैना गुर्जर ने यह दृश्य कई बार देखा। दरअसल वह यह देख कर सोच में पड़ जाता था कि आखिर इस पेड़ के नीचे आकर ही गाय के थनों में दूध क्यों आ जाता है? अंतत: एक बार उसने उस पीपल के पेड़ के नीचे जाकर देखा जहां गाय का दूध गिरता था वहां पड़े सूखे पत्तों के ढेर को हटाना शुरू कर दिया। जैसे ही उसने पत्ते हटाए तो वहां उसे दबी हुई पिंडी के रूप में मां भगवती की प्रतिमा दिखाई दी।

नैना गुर्जर ने जिस दिन पिंडी के दर्शन किए, उसी रात माता ने स्वप्न में उससे कहा कि मैं आदि शक्ति दुर्गा हूं। तुम इसी पीपल के नीचे मेरा स्थान बना दो। मैं तेरे नाम से जानी जाऊंगी। नैना मां भगवती का परम भक्त था। उसने सुबह उठते ही देवी मां के कहे अनुसार उसी दिन मंदिर की नींव रखी।

यहां गिरे थे देवी मां के नयना

नयना देवी के अवतार के बारे में पौराणिक मान्यता के अनुसार यह स्थान विश्व के कुल 52 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि मां सती के नयन इसी स्थान पर गिरे थे। इसलिए इस स्थान का नाम नयना देवी पड़ा है।

 
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!