अब यहा नहीं बजा करेंगे ढ़ोल...

Edited By ,Updated: 27 Mar, 2015 05:05 AM

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अक्सर हर वर्ष शराब के ठेकों की नीलामी के तुरंत बाद राज्य भर में सस्ती शराब को खरीदने को लेकर शराब के शौकीनों में होड़ लगी रहती है।

जालंधर : अक्सर हर वर्ष शराब के ठेकों की नीलामी के तुरंत बाद राज्य भर में सस्ती शराब को खरीदने को लेकर शराब के शौकीनों में होड़ लगी रहती है। शराब ठेकेदार भी बीते वर्ष का स्टाक क्लीयर करने के लिए शराब सस्ते दाम पर बिकवाने को मजबूर होते हैं लेकिन पंजाब में अगले वर्ष से ऐसा कुछ नहीं होगा। न तो लोगों को सस्ती शराब मिलेगी तथा न ही ठेकों के बाहर ढोल बजेंगे। 

जरूरी नहीं होगा स्टाक क्लीयर करना
यह पढ़ कर शराब के शौकीनों को कुछ मायूसी हुई होगी लेकिन पंजाब सरकार की तरफ से तैयार की गई आबकारी नीति में जहां शराब के शौकीनों को झटका दिया गया है, वहीं शराब ठेकेदारों को फायदा देने की कोशिश की गई है। जानकारी के अनुसार मौजूदा स्थिति में शराब ठेकेदार को 31 मार्च से पहले-पहले अपना स्टाक क्लीयर करना होता है। अगर वह स्टाक क्लीयर नहीं करता तो उसे बाकायदा पैनल्टी देनी पड़ती है लेकिन आबकारी नीति 2015-16 के तहत अब शराब ठेकेदार अपने पास 31 मार्च तक बचा स्टाक अगले वित्तीय वर्ष में शिफ्ट कर सकेगा। इसके लिए उसे विभाग की तरफ से कोई पैनल्टी नहीं लगाई जाएगी। 
 
शराब का अवैध भंडारण भी होगा बंद
आमतौर पर शराब ठेकेदारों की तरफ से 31 मार्च तक स्टाक क्लीयर न होने पर शराब का अवैध भंडारण भी किया जाता था। इस अवैध भंडारण को लेकर हर वर्ष कोई न कोई विवाद छिड़ा रहता है। काफी समय से शराब ठेकेदार इस बात की मांग कर रहे थे कि जिस शराब की खरीद पर सरकार को परमिट फीस तथा अन्य कर दिए जा चुके हैं, उसे अगले वर्ष बिक्री के लिए अनुमति दी जाए। ठेकेदारों की इस मांग को सरकार ने इस बार आबकारी नीति में पूरी तरह से सम्मान दिया है। 
 
ठेकेदारों को रियायतों का दिखा असर
पंजाब में इस बार जो शराब के ठेकों को लेकर आवेदन आए हैं उसमें इस प्रकार के कुछ नियमों में बरती गई ढिलाई मुख्य कारण है। इन्हीं कारणों से शराब ठेकेदारों ने विभाग के पास पिछले वर्षों की बजाय अधिक आवेदन किए हैं। आबकारी नीति में सरकार ने वर्ष भर में ओपन तथा फिक्स कोटे का औसत भी 70-30 प्रतिशत रखा है। ठेकेदारों को राहत के लिए सरकार ने जोन कम कर दिए हैं जबकि ठेकों की संख्या पिछले वर्ष की तरह 6411 ही रहेगी।
 
मैरिज पैलेसों के लिए महंगी शराब पर रोक
उधर आबकारी नीति के तहत शराब ठेकेदारों को एक झटका भी दिया गया है, जिसमें विवाह समारोहों के दौरान पैलेसों व होटलों में सामान्य के मुकाबले महंगी शराब बेचने पर रोक लगा दी गई है। सरकार ने आबकारी नीति के तहत बाकायदा शराब ठेकों के लिए पिछले वर्ष रेट लिस्ट जारी की थी। इस बार सरकार ने पैलेसों के लिए जारी रेट लिस्ट में भारी कटौती की है। शराब के अलग-अलग ब्रांड पर 200 से लेकर 600 रुपए प्रति पेटी तक की कमी की है जबकि मैरिज पैलेसों के लिए परमिट फीस में सरकार पहले ही कमी कर चुकी है।
 

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