खट्टर ने केंद्र से किसानों के लिए मांगा 500 करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज

Edited By ,Updated: 27 Mar, 2015 09:32 PM

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेश में ओलावृष्टि व बेमौसमी बरसात के चलते खराब हुई फसल के लिए केंद्र से किसानों के लिए 500 करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज मांगा है।

नई दिल्ली: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेश में ओलावृष्टि व बेमौसमी बरसात के चलते खराब हुई फसल के लिए केंद्र से किसानों के लिए 500 करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज मांगा है। साथ ही उन्होंने कृषि मंत्रालय से किसानों फसल खराबे की एवज में दिए जाने वाले मुआवजे में बढ़ोतरी की मांग की है। 

उन्होंने कहा हालांकि हमने पहले ही किसानों के लिए अधिक मुआवजा तय किया है लेकिन केंद्र की ओर से इसमें अधिक बढ़ोतरी हो तो हम किसानों को और अधिक राहत पहुंचा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने आपदा की इस घड़ी में किसानों के लिए बोनस घोषित करने की मांग भी केंद्र से की। मुख्यमंत्री ने फसल मुआवजे सहित किसान हित से जुड़े अन्य मसलों पर शुक्रवार को नई दिल्ली में कृषि मंत्रालय में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री संजीव बाल्यान व कृषि मंत्रालय के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। उनके साथ प्रदेश के कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ भी मौजूद रहे।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में हाल ही में हुई ओलावृष्टि से गेहूं में 18 लाख हैक्टेयर से अधिक तथा सरसों में 50 लाख हैक्टेयर से अधिक की फसल को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री के समक्ष इस बात की सिफारिश की कि फसल का मुआवजा से उन किसानों को भी राहत पहुंचाई जाए जिनकी फसल 25 प्रतिशत तक खराब हुई है। आपदा में खराब होने वाली फसल से किसानों को फसल बीमा से राहत दिलाने के लिए फसल बीमा के विभिन्न विकल्पों पर भी मुख्यमंत्री ने कृषि मंत्रालय के उच्चाधिकारियों से चर्चा की। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस बात की कोशिश की जाएगी कि खराब फसल का आंकलन वैज्ञानिक तरीके से किया जाए ताकि किसानों के मुआवजे में किसी तरह की परेशानी न हो। मौसम के प्रतिकूल प्रभाव के कारण गेहूं की फसल के गुणवत्ता में आने वाले अंतर पर भी खरीद के समय रियायत की मांग मुख्यमंत्री ने रखी।
 
मुख्यमंत्री ने बागवानी के लिए कृषकों को दिए जाने वाले ऋण की ब्याज दर अन्य फसलीय ऋण के मुताबिक 4 फीसदी करने की मांग केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री के समक्ष रखी। उन्होंने कहा राष्ट्रीकृत बैंकों की ओर से बागवानी के लिए ऋण पर 12 प्रतिशत तक ब्याज लिया जाता है। मुख्यमंत्री की इस मांग पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने विभाग के अधिकारियों के इस संदर्भ में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री ने हाल ही में हरियाणा में पास किए गए गौ संरक्षण एवं गौ संवर्धन बिल का हवाला देते हुए कहा कि प्रदेश में गौ अभ्यारण एवं गौ गृह के लिए 300 करोड़ रुपए की राशि प्रदेश को जारी की जाए ताकि इस मिशन को आगे बढ़ाया जा सके।
 
बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जैविक खेती के दृष्टिकोण पर कहा कि हम चाहते हैं कि प्रदेश में शुरूआती दौर में कुल फसल में कम से कम 10 फीसदी तक जैविक खेती हो। प्रदेश के प्रस्तावित बागवानी विश्वविद्यालय में इस दिशा में व्यापक अनुसंधान की बात भी मुख्यमंत्री ने कही। साथ ही उन्होंने जैविक खेती के सर्टिफिकेशन की अवधारणा शुरू करने की मांग भी रखी। इस मौके पर कृषि सचिव राज हुसैन, संपत सिंह केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनेक उच्चाधिकारी मौजूद थे।

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