मुकाबले की तैयारी में आए थे पाक तस्कर

Edited By ,Updated: 30 Mar, 2015 03:31 AM

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शनिवार को बी.ओ.पी. मझमियां में एक पाकिस्तानी तस्कर के मारे जाने के बाद यह माना जा रहा था कि अब ...

अमृतसर: शनिवार को बी.ओ.पी. मझमियां में एक पाकिस्तानी तस्कर के मारे जाने के बाद यह माना जा रहा था कि अब पाकिस्तानी तस्कर दोबारा हैरोइन की खेप को भारतीय सीमा में पहुंचाने का प्रयास नहीं करेंगे लेकिन एक तस्कर मारे जाने के बाद भी पाकिस्तानी तस्करों के हौसले कम नहीं हुए, उलटा रविवार को बी.ओ.पी. रत्नखुर्द में जब पाकिस्तानी तस्कर हैरोइन की खेप को भारतीय सीमा में पहुंचाने के लिए आए तो उन सबके पास पिस्टल या रिवाल्वर नहीं बल्कि सबके पास ए.के.-47 राइफल थी जिसको आज के युग की सबसे ज्यादा अत्याधुनिक राइफलों में माना जाता है। 
 
इतना ही नहीं, तस्करों ने 1-1 ए.के.-47 राइफल पर गोलियों से भरे हुए 2-2 फुल मैगजीन भी लगा रखे थे ताकि यदि एक मैगजीन मुकाबले के दौरान खाली हो जाए तो दूसरी मैगजीन उसी समय राइफल पर चढ़ा ली जाए और बी.एस.एफ. के जवानों का ज्यादा से ज्यादा नुक्सान किया जा सके। 
 
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पाकिस्तानी तस्कर बी.एस.एफ. के साथ पूरे मुकाबले की तैयारी करके बी.ओ.पी. रत्नखुर्द में आए थे लेकिन पाकिस्तानी तस्करों के इरादों को बी.एस.एफ. के जांबाज जवान अभिजीत व प्रेम ने पूरी तरह से विफल कर दिया और 2 पाकिस्तानी तस्करों को मार गिराया। पता चला है कि हैरोइन की डिलीवरी करने के लिए कुल 5 पाकिस्तानी तस्कर बी.ओ.पी. रत्नखुर्द में आए थे जिनमें से 3 तस्कर भागने में सफल हो गए। 
 
पाकिस्तानी तस्करों की लाशों को अब पुलिस थाना घरिंडा के हवाले कर दिया गया है और शुरूआती जांच में पता चला है कि जिन 2 पाकिस्तानी तस्करों के शव पुलिस को दिए गए हैं उनसे पाकिस्तान की नागरिकता का कोई भी दस्तावेज नहीं मिला है, सिर्फ पाकिस्तान की थोड़ी-सी करंसी जरूर मिली है जिसमें 5-5 रुपए के सिक्के हैं। इस मुकाबले के दौरान भी पाकिस्तान रेंजर्स पूरी तरह से खामोश रहे और पाकिस्तानी तस्करों को पूरी मदद देते रहे हैं। 
 
यहां तक कि भागते हुए तस्करों को भी पाकिस्तान रेंजर्स गिरफ्तार नहीं करते हैं क्योंकि स्मगलिंग का पूरा प्लान तो पाकिस्तान रेंजर्स की मिलीभगत से ही बनता है। इस घटना के बाद अब पुलिस व बार्डर पर तैनात सुरक्षा एजैंसियां अटारी बार्डर पर रत्नखुर्द इलाके में सरगर्म उन भारतीय तस्करों की भी तलाश करने में जुट गई हैं जो पाकिस्तानी तस्करों से हैरोइन की खेप रिसीव करने के लिए बी.ओ.पी. रत्नखुर्द आए थे क्योंकि यह तो माना नहीं जा सकता है कि पाकिस्तानी तस्कर अकेले ही प्लास्टिक की पाइप से हैरोइन की खेप को भारतीय सीमा में पहुंचाने का प्रयास कर रहे थे बल्कि इस खेप को लेने के लिए भी भारतीय तस्कर जरूर आए होंगे। इतना ही नहीं, पाकिस्तानी तस्करों ने तो भारतीय तस्करों को एक पाकिस्तानी मोबाइल व सिम के अलावा 3 फुल चार्ज बैटरियां देने का भी पूरा बंदोबस्त किया हुआ था ताकि भारतीय तस्करों को पाकिस्तान में मोबाइल पर बातचीत करने में किसी प्रकार की परेशानी न आ सके। 
 
सूत्रों से पता चला है कि अटारी बार्डर की फैंसिंग के पार इलाके में पाकिस्तानी मोबाइल कंपनियों का नैटवर्क काम करता है और यदि पाकिस्तानी मोबाइल की इंटरनैशनल रोमिंग हो तो इसको भारतीय क्षेत्र में भी प्रयोग किया जा सकता है।
 
थाना घरिंडा ने अभी तक 50 से ज्यादा तस्करों को भेजा है: हैरोइन व अन्य नशीले पदार्थों की स्मगङ्क्षलग को रोकने के लिए पंजाब सरकार की तरफ से चलाए जा रहे अभियान के तहत सीमावर्ती इलाके अटारी के अंतर्गत आते थाना घरिंडा में अभी तक 50 से ज्यादा तस्करों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है और उन तस्करों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है जिन पर तस्करों के साथ मिले होने का शक था। बी.ओ.पी. रत्नखुर्द में अब यह मामला सामने आने के बाद थाना घरिंडा की पुलिस गांव रत्नखुर्द में सरगर्म उस तस्कर की तलाश करने में जुट गई है जो इस हैरोइन की खेप को रिसीव करने के लिए बार्डर पर आया था। 
 
हालांकि तस्कर हर बार हैरोइन की खेप रिसीव करने के लिए नया से नया पैंतरा बदलते हैं और उन तस्करों को इस धंधे में शामिल करते हैं जिनके चेहरे बिल्कुल नए होते हैं तथा उनकी न तो तस्करी के काले कारोबार में कोई पहचान होती है और न ही कोई पुलिस रिकार्ड होता है। पुलिस सहित देश की सभी सुरक्षा एजैंसियों को ऐसे तस्करों की गिरफ्तारी करना एक चुनौती रहता है।

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