Edited By ,Updated: 30 Mar, 2015 03:56 PM
कहते हैं कला तो ईश्वर की तरफ से बख्शी रहमत होती है और इसको तराशा तो जा सकता है पर पैदा नहीं किया जा सकता।
चंडीगढ़: कहते हैं कला तो ईश्वर की तरफ से बख्शी रहमत होती है और इसको तराशा तो जा सकता है पर पैदा नहीं किया जा सकता। कुछ ऐसी ही कला का मालिक है परविंदर सिंह जिसके हाथ में ऐसा हुनर है जिसको देख कर लगता है कि उसके बनाए पुतले अभी बोल पड़ेंगे।
अपने अस्थाई म्युजियम में अपनी, कलाकृतियों के द्वारा पिछले लंबे समय से सिख इतिहास को संजोकर बैठा परविंदर सिंह इन दिनों मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का बिल्कुल जीवंत दिखने वाला पुतला बनाने में लगे हुए हैं।
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के पुतले के बारे में परविंदर सिंह का कहना है कि इसे बनाने में काफी समय लग गया। उन्होंने कहा कि लोगों को सिख इतिहास की जानकारी देने के लिए वह पूरी कोशिश कर रहे हैं, हालांकि इसके लिए उनके पास स्थाई जगह न होने के कारण उन्हें मुश्किल का सामना करना पड़ता है। इसके लिए उन्हें स्थाई जगह की जरूरत है जो कि उन्हें मुख्यमंत्री ही दिलवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह बादल के पुतले को फिनिशिंग टच देने के बाद इसे उन्हें भेंट करेंगे।