Edited By ,Updated: 30 Mar, 2015 03:24 PM
संसद सत्र से पहले मोदी सरकार का कैबिनेट विस्तार हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट में नए चेहरों को भी शामिल किया जा सकता है।
नई दिल्ली: संसद सत्र से पहले मोदी सरकार का कैबिनेट विस्तार हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट में नए चेहरों को भी शामिल किया जा सकता है। सहयोगी दलों-शिवसेना और पीडीपी के सांसदों को भी मौका मिल सकता है।
सूत्रों ने बताया कि जो मंत्री सही काम नहीं कर रहे हैं, उनकी कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। संसद सत्र सरकार के इसलिए अहम है क्योंकि इसमें भूमि अधिग्रहण विधेयक राज्य सभा में पेश किया जाएगा। इस विधेयक को लेकर सरकार को बजट सत्र में विपक्ष का काफी विरोध झेलना पड़ा था।
कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरू में 3 अप्रैल को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है और इसी में कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चा होगी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी का हाल ही में फिर से गठन किया गया था और केंद्रीय मंत्रियों स्मृति ईरानी, नजमा हेपतुल्ला, मथुरा से सांसद हेमा मालिनी सहित कई प्रमुख चेहरों को इसमें जगह नहीं दी गई थी।
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में पीडपी के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई है और सूत्रों का कहना है कि पीडीपी के एक सदस्य को कैबिनेट में शामिल कर सरकार संसद में अपने समर्थनक सांसदों की संख्या बढ़ा सकेगी।
वहीं,जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की सांसद बेटी महबूबा मुफ्ती को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट विस्तार के वक्त प्रधानमंत्री मोदी उन मंत्रियों को सख्त संदेश देना चाहते हैं जो ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। वहीं, जो मंत्री अच्छा काम कर रहे हैं, उनकी तरक्की हो सकती है।