Edited By ,Updated: 02 Apr, 2015 05:06 AM
नौवीं कक्षा में पढऩे वाली 13 वर्षीय एश्वर्या पराशर की कोशिश जल्द रंग ला सकती हैं और भारत को अपना राष्ट्रीय खेल मिल सकता है।
लखनऊ: नौवीं कक्षा में पढऩे वाली 13 वर्षीय एश्वर्या पराशर की कोशिश जल्द रंग ला सकती हैं और भारत को अपना राष्ट्रीय खेल मिल सकता है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने राष्ट्रीय खेल के संबंध में आई ऐश्वर्या की चिट्ठी को युवा मामलों और खेल मंत्रालय के पास विचार करने और कार्रवाई करने के लिए भेज दिया है।
एश्वर्या द्वारा सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दाखिल की गई अर्जी से पिछले साल यह खुलासा हुआ था कि दरअसल भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर किसी खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं किया है। एश्वर्या ने तब तात्कालिक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर इस दिशा में विचार करने का अनुरोध किया था। पीएमओ ने हालांकि तब इस पत्र का कोई जवाब नहीं दिया था।
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद एश्वर्या ने एक बार फिर इस संबंध में पीएमओ को पत्र लिखा। एश्वर्या ने आईएएनएस को बताया कि वह प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्रवादी रुख और अन्य मुद्दों पर उनके विचार से काफी प्रभावित हैं और मोदी से में उन्हें उम्मीद की किरण नजर आती है। ऐश्वर्या ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि हम भारतवासियों को अपना राष्ट्रीय खेल मिलेगा या नहीं, लेकिन मेरी चिट्ठी में प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान में लिया यह जानकर मैं उत्साहित हूं।’’ लंबे समय से आम जनमानस में हॉकी या कबड्डी राष्ट्रीय खेल के रूप में प्रचलित है, लेकिन वास्तविकता यह है कि ऐश्वर्या के सूचना के अधिकारी के जवाब में खेल मंत्रालय ने बताया है कि अब तक किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल का दर्जा नहीं दिया गया है।