एक आईएएस की गर्लफ्रैंड थी फर्जी ट्रेनी आईएएस

Edited By ,Updated: 02 Apr, 2015 12:04 AM

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लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी में छह महीने तक फर्जी तरीके से अफसर बनकर रहने वाली महिला एकेडमी के ही एक अफसर की अब गर्लफ्रैंड बताई जा रही है। गौरतलब है कि अफसर ने ही उसे फर्जी दस्तावेजों के सहारे गार्ड के आवास में ठहराया था। यह...

देहरादून/मसूरीः लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी में छह महीने तक फर्जी तरीके से अफसर बनकर रहने वाली महिला एकेडमी के ही एक अफसर की अब गर्लफ्रैंड बताई जा रही है। गौरतलब है कि अफसर ने ही उसे फर्जी दस्तावेजों के सहारे गार्ड के आवास में ठहराया था। यह बात अकादमी में कई माह से उठ रही थी। लेकिन राष्ट्रपति के दौरे ने इसका पर्दापाश कर दिया। अब उच्चाधिकारियों ने अपने बचाव में गार्ड पर गाज गिरा दी है। जबकि सुरक्षा अधिकारी को लम्बी छुट्टी पर भेज दिया है।



सूत्रों के मुताबिक देश के सर्वोच्च प्रशिक्षण संस्थान की सुरक्षा को ताक पर रखते हुए अकादमी के एक वरिष्ठ अफसर ने अपनी प्रेमिका को फर्जी ट्रेनी आईएएस अफसर बनाकर छह माह तक अकादमी में ठहराया। महिला के अकादमी के भीतर आवाजाही पर जब सवाल खड़े हुए तो अफसर के इशारों पर पर्दा डाल दिया जाता रहा। 


इस बीच अप्रैल अंत में राष्ट्रपति के उत्तराखंड आगमन की सूचना आई तो अकादमी में हंड़कंप मच गया। मामले में अकादमी के अफसरों ने सुरक्षा को लेकर बैठकें आयोजित की। इस पर अफसर की महिला मित्र भी चर्चा में आई। मामला बिगड़ते देख अफसर ने महिला मित्र को अकादमी छोड़ने को कहा। महिला भी झंझट से बचने के लिए बिना बताए ही 27 मार्च को अकादमी से चलती बनी। 


इसके बाद मामला तूल न पकड़े अकादमी के सुरक्षा अफसर ने गुपचुप तरीके से औपचारिकता के लिए एक तहरीर पुलिस को दी। पुलिस ने भी अकादमी से जुड़ा मामला होने पर तत्काल मुकदमा दर्ज कर लिया। अब मामला मीडिया में उजागर हुआ तो अकादमी के अफसरों में हड़कंप मच गया। कड़ी सुरक्षा वाले जोन में महिला के फर्जी ट्रेनी आईएएस अफसर बनकर रहने तथा इसके बाद बिना बताए फरार होने से सवाल खड़े होने लगे हैं।


इस प्रकरण में बुधवार को अफसरों ने बैठक बुलाते हुए सुरक्षा गार्ड देव सिंह को निलंबित कर दिया है। मामले की जांच कराने की बात भी बैठक में कही गई। इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारी सत्यवीर सिंह की छुट्टी स्वीकृत करते हुए मामले को ठंडा करने की कोशिश की गई। 


यहां ये भी उल्लेखनीय है कि अकादमी की पूरी सुरक्षा आईटीबीपी के पास है। यहां आम आदमी तो दूर राज्य सरकार के अफसरों को भी कड़ी सुरक्षा व जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर अंदर जाने की अनुमति है। बावजूद इसके एक महिला छह माह से खुलेआम अकादमी में न केवल निवास कर रही थी, बल्कि अकादमी के कार्यालय, लाइब्रेरी जैसे स्थानों पर भी जाती रही।


यही नहीं यह महिला, गार्ड के आवास में भी बतौर ट्रेनी आईएएस अफसर बनकर रहती थी। हांलाकि कुछ समय पहले चेकिंग के दौरान महिला ने सुरक्षा कर्मी को नैनीताल से जारी एटीआई का पहचान पत्र दिखाया था। इसमें पद एसडीएम लिखा था। अकादमी में इस महिला की उपस्थिति से सुरक्षा में खुली सेंध लगी है।


उधर मसूरी के पूर्व पालिका अध्यक्ष ओपी उनियाल ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग उठाई है। उन्होंने मामले में शामिल अफसरों के नामों को सार्वजनिक करने की मांग की। उन्होंने इस मामले में गार्ड के निलंबन तथा थानेदार के स्थानांतरण की भी जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।


एटीआई के महानिदेशक अवनेंद्र सिंह नयाल का कहना है कि उन्हें मामले की जानकारी मीडिया से ही मिली है। फर्जी ट्रेनी आईएएस के संबंध में पुलिस-प्रशासन ने उनसे संपर्क नहीं किया है। प्रथम दृष्टया ट्रेनी आईएएस फर्जी ही लग रही है। उसके कागज आने पर रिकार्ड से मिलान किया जाएगा। गौरतलब है कि मसूरी के फर्जी महिला ट्रेनी आईएएस के पास एटीआई नैनीताल का पहचान पत्र मिला है। इस पहचान पत्र में उसका पद एसडीएम दर्शाया गया है। इस पहचान पत्र के फर्जी होने की आशंका है।

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